पटना : पटना के आनंदपुरी में रहने वाले व्यवसायी रंजय सिंह (35 वर्ष) की लापता होने के चार दिन बाद समस्तीपुर के दलसिंहसराय थाना इलाके में में लाश मिली है. उसकी हत्या कर दी गयी है और लाश को नेशनल हाइवे 28 के किनारे फेंका गया था. लाश रविवार की सुबह लावारिस हालत में मिली थी, चौबीस घंटे बाद शिनाख्त की गयी है.
क्योंकि रंजय के घरवालों को पता था कि रंजय समस्तीपुर गया हुआ था. फिलहाल पहचान के बाद शव का पोस्टमार्टम कराया गया है. देर रात परिजन शव लेकर पटना पहुंचे और बांसघाट पर उसका दाह संस्कार किया गया. पुलिस ने बरती लापरवाही: मृतक की पत्नी नेहा कुमारी ने एसकेपुरी थाने में रंजय के अपहरण वह हत्या की आशंका जाहिर करते हुए मामला दर्ज कराया था. लेकिन पुलिस पूरी तरह से लापरवाह बनी रही. इधर लापता होने के बाद व्यवसायी की लाश बरामद की गयी. पूरे मामले को लेकर पटना पुलिस की कार्रवाई सवालों के घेर में है. एसएसपी मनु महाराज का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है कि युवक की मौत दुर्घटना में हुई है या फिर हत्या की गयी है.
पैसे के लेन-देन में हत्या की आशंका
रंजय की हत्या के पीछे पैसे के लेन-देन का विवाद हो सकता है. पुलिस को इस संबंध में कुछ इनपुट मिले हैं. मामले की छानबीन की जा रही है. अब उसकी लाश मिली है. घटना के बाद चावल कारोबारी शक के दायरे में हैं, पुलिस उनसे पूछताछ करेगी. दरअसल, रंजय सिंह पिछले चार दिनों से गायब था. उसका मोबाइल फोन स्विच ऑफ बता रहा था. इसके बाद उनकी पत्नी नेहा ने अपहरण की आशंका जताते हुए श्रीकृष्ष्णापुरी थाने को मामले की जानकारी दी. बताया जाता है कि रंजय सिंह टावर लगाने का व्यवसाय करते थे और इन दिनों वे चावल मिल का व्यवसाय करने की योजना बना रहे थे. वे कुछ चावल मिल व्यवसायियों के संपर्क में भी थे.
इसके लिए वे वैशाली के जंदाहा के चावल मिल संचालकों से भेंट करने जाते थे. दो दिसंबर को उन्होंने बताया था कि वे बिस्कोमान अपने दोस्त के दुकान पर जा रहे हैं और शाम को लौट जायेंगे. शाम में जब उन्होंने मोबाइल पर कॉल किया, तो रंजय सिंह ने समस्तीपुर कुछ काम से जाने की बात बतायी. इसके बाद फिर से जब शाम पांच बजे कॉल किया, तो रंजय का तीनों नंबर स्विच ऑफ बता रहा था. इसके बाद नेहा को शक हुआ, तो उसने खोजबीन शुरू कर दी और पति के दोस्तों को फोन कर उनके बारे में जानकारी लेनी शुरू कर दी.
लेकिन सभी ने नहीं मिलने की जानकारी दी. समस्तीपुर से पटना आने के बाद रंजय की लाश बांसघाट ले जायी गयी. वहां पर पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार हुआ. इस दौरान पत्नी नेहा का रो-रो कर बुरा हाल हाे रहा था. वह बेसुध हो गयी थीं. रंजय का बेटा भी मां से लिपट कर रो रहा था. आसपास के लोग ढांढस बढ़ाने में जुटे थे. इधर मूल रूप से सीवान के रहने वाले रंजय के परिजन भी घाट पर पहुंचे गये थे.
पांच साल का है बेटा
रंजय मूल रूप से सीवान का रहने वाला है और वह आनंदपुरी में किराये का मकान लेकर रहता है. उसकी शादी वर्ष 2005 में नेहा से हुई थी और उन दोनों का एक पांच साल का बेटा है. नेहा बोकारो की रहने वाली है.