ऐतिहासिक गांधी मैदान के अस्तित्व पर खतरा!

पटना : प्रशासनिक अमले की लापरवाही ने ऐतिहासिक गांधी मैदान के अस्तित्व पर ही खतरा पैदा कर दिया है. इसके पूर्वी-दक्षिणी कोने की घेराबंदी कर अंदर में बड़े पैमाने पर स्थायी निर्माण कराया जा रहा है. मगध महिला कॉलेज के बगल में अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन हॉल बना रही अहलुवालिया कंस्ट्रक्शन कंपनी ने जिला प्रशासन से मैदान […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 17, 2014 4:48 AM

पटना : प्रशासनिक अमले की लापरवाही ने ऐतिहासिक गांधी मैदान के अस्तित्व पर ही खतरा पैदा कर दिया है. इसके पूर्वी-दक्षिणी कोने की घेराबंदी कर अंदर में बड़े पैमाने पर स्थायी निर्माण कराया जा रहा है.

मगध महिला कॉलेज के बगल में अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन हॉल बना रही अहलुवालिया कंस्ट्रक्शन कंपनी ने जिला प्रशासन से मैदान की छह एकड़ जमीन दो साल के लिए किराये पर ली है. मशीन एसेंबल करने के नाम पर ली गयी इस जमीन पर कंस्ट्रक्शन में काम कर रहे मजदूरों के लिए दर्जनों कमरे और शौचालय बनाये जाने हैं.

कई जगहों पर हुई है खुदाई : मैदान में मिट्टी भराई के नाम पर जिला प्रशासन ने पिछले साल पांच करोड़ रुपये से अधिक खर्च किये, मगर घेराबंदी की गयी जगह पर फिर से बड़े पैमाने पर गहरी खुदाई हो रही है. शायद जिला प्रशासन के अधिकारियों को भी इसकी भनक नहीं है. पूछे जाने पर संबंधित अधिकारियों ने स्वीकार किया कि मैदान की छह एकड़ जमीन कंस्ट्रक्शन कंपनी को आवंटित की गयी है, लेकिन उसमें किसी भी हालत में स्थायी निर्माण नहीं किया जा सकता.

समिति ने उठायी आवाज : ऐतिहासिक गांधी मैदान की गरिमा व सौंदर्य को बचाने में आम लोगों ने भी आवाज बुलंद कर दी है. रविवार को गांधी मैदान बचाओ अभियान समिति ने मैदान में बैठक की. इसमें सांसद रामकृपाल यादव, विधान पार्षद प्रो गुलाम गौस, मिल्क फुटबॉल टीम के अध्यक्ष विद्या भूषण, सत्येंद्र कुमार, अमरेंद्र पांडेय, मनीष कुमार, अमित कुमार, अभय चौधरी सहित सैकड़ों की संख्या में लोग जुटे.

प्रतिदिन सुबह जॉगिंग के लिए आनेवाले सांसद रामकृपाल यादव और प्रो गुलाम गौस ने अभियान को अपना समर्थन देते हुए कहा कि हर स्तर पर सहयोग करते हुए मामले को विधान परिषद् में भी उठाया जायेगा. विद्याभूषण ने कहा कि यह अभियान बिल्कुल ही गैर राजनीतिक अभियान है. इसमें सबको समर्थन देना चाहिए.

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