जमा छह गुना से अधिक बढ़ा, निकासी तीन गुना कम

नोटबंदी के 30 दिन. ‘नवंबर का पहला हफ्ता बनाम दिसंबर का पहला हफ्ता’ पर प्रभात खबर की विशेष पड़ताल पटना : नोटबंदी के बाद बैंकों में जमा राशि तो छह गुना से अधिक बढ़ गयी, लेकिन निकासी तीन गुना कम हुई है. भारतीय रिजर्व बैंक के आधिकारिक सूत्रों की मानें तो नोटबंदी से पहले औसतन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 9, 2016 6:53 AM
नोटबंदी के 30 दिन. ‘नवंबर का पहला हफ्ता बनाम दिसंबर का पहला हफ्ता’ पर प्रभात खबर की विशेष पड़ताल
पटना : नोटबंदी के बाद बैंकों में जमा राशि तो छह गुना से अधिक बढ़ गयी, लेकिन निकासी तीन गुना कम हुई है. भारतीय रिजर्व बैंक के आधिकारिक सूत्रों की मानें तो नोटबंदी से पहले औसतन एक बैंक शाखा में प्रतिदिन 30 से 35 लाख रुपये जमा होते थे. इस तरह राज्य में प्रतिदिन लगभग 200 करोड़ जमा होते थे. लेकिन, नोटबंदी के बाद यह आंकड़ा बढ़कर प्रतिदिन 1250 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है. बैंकरों के मुताबिक राज्य में आठ नवंबर से पहले शाखाओं और एटीएम के जरिये औसतन 70 करोड़ रुपये की निकासी होती थी, लेकिन इस समय यह आंकड़ा गिर कर 45 करोड़ रुपये के आसपास आ गया है. ऐसा 500 व 1000 रुपये के पुराने बड़े नोट पर रोक लगाये जाने की वजह से हुई है.
निकासी पर लिमिट से बढ़ी परेशानी
प्रभात खबर ने बैंक अधिकारियों से आठ नवंबर केपहले हफ्ते व आठ दिसंबर के पहले हफ्ते की पड़ताल की तो पाया कि निकासी की तुलना में जमा की गयी राशि छह गुना से अधिक बढ़ी है.
निकासी का फ्लो 60 फीसदी तक गिर गया है. इसका मुख्य कारण एटीएम और नकद निकासी पर लिमिट होना है. बैंक ऑफ इंडिया के उप अंचल प्रबंधक अमरेंद्र कुमार ने बताया कि एक दिसंबर के बाद जमा की रफ्तार कुछ कम हुई है, लेकिन अब भी यह सामान्य से अधिक है. उन्हाेंने बताया कि नोटबंदी के पहले रिजर्व बैंक से नियमित रूप से पैसे की जरूरत नहीं पड़ती थी, क्योंकि बैंक के पास दस से 12 करोड़ रुपये करेंसी होती थी. वहीं, बंदी के बाद हर दूसरे दिन रिजर्व बैंक से 20-25 करोड़ रुपये लेने पड़ रहे हैं. वहीं एटीएम से निकासी 70 फीसदी तक कम हो गयी है.
हर दिन बैंक चेस्ट को उपलब्ध कराये गये चार सौ करोड़ रुपये
रिजर्व बैंक के अनुसार नोटबंदी के बाद से अब तक प्रतिदिन लगभग चार सौ करोड़ रुपये बैंक चेस्टों को उपलब्ध कराये गये. जबकि, नोटबंदी से पहले लगभग ढाई सौ करोड़ प्रतिदिन भेजे जाते थे.
इस लिहाज से भी सूबे में प्रतिदिन लगभग डेढ़ सौ करोड़ रुपये अधिक उपलब्ध कराये गये. दिसंबर के पहले हफ्ते में डिमांड के मुताबिक प्रतिदिन बैंकों को तीन सौ करोड़ रुपये उपलब्ध कराये जा रहे हैं. भारतीय रिजर्व बैंक के क्षेत्रीय निदेशक मनोज कुमार वर्मा ने बताया कि बैंकों की मांग के अनुसार बैंक चेस्ट में करेंसी भेजी जा रही है. अब धीरे-धीरे स्थिति सामान्य हो रही है. नकद निकासी की रफ्तार कम है, क्योंकि अब लोग ऑनलाइन भी पेमेंट करने लगे हैं. ऑनलाइन पेमेंट करने वालों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है.
बिहार में बैंकिंग की पहुंच
राज्य स्तर पर 16 हजार की आबादी पर एक बैंक शाखा है. जबकि, राष्ट्रीय स्तर पर 11 हजार की आबादी पर एक बैंक शाखा है. आॅल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन के वरीय उपाध्यक्ष डाॅ कुमार अरविंद ने बताया कि वैसे दस हजार की आबादी पर एक बैंक शाखा होनी अनिवार्य है, लेकिन बैंक इसके प्रति उदासीन हैं. खासकर ग्रामीण क्षेत्र में बैंक अपनी शाखाओं को नहीं बढ़ाना चाहती है.
क्योंकि, खर्च के अनुपात में उन्हें मुनाफा नहीं होता है. इस कारण बैंक प्रबंधन दिलचस्पी नहीं लेता है. स्टेट बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष उमाकांत सिंह ने बताया कि स्टेट बैंक की बिहार में 900 शाखाओं में लगभग 300 करोड़ रुपये जमा होने का अनुमान है. उन्होंने बताया कि बिहार-झारखंड के 3000 एटीएम में हर दिन 250 करोड़ रुपये डाले जा रहे हैं. हालांकि, नोटबंदी से पहले 1500 करोड़ से अधिक रुपये डाले जाते थे.
पटना : नोटबंदी से आम लोगों को हो रही परेशानी का सबसे बड़ा कारण शहर की एटीएम हैं. लाख प्रयासों के बावजूद 60 फीसदी एटीएम ही चालू हो पायी हैं. 40 फीसदी एटीएम अब भी अपग्रेडेशन या तकनीकी कारणों से बंद पड़े हैं. नोटबंदी के बाद आधे से ज्यादा एटीएम से पैसे नहीं मिल पाने की वजह से लोग परेशान थे. लेकिन, अब एक महीने बाद एटीएम से निकल रहे बड़े नोटों ने उनकी परेशानी बढ़ गयी है. अधिकतर एटीएम से 2000 व 500 के बड़े नोट ही निकल पाने की वजह से लोग परेशान हैं और खुदरा (100 रुपये के नोट) की तलाश में एक से दूसरे एटीएम पर लाइन लगा रहे हैं.
रिजेंट सिनेमा हॉल के पास पीएनबी, बोरिंग रोड चौराहा पर ओरियंटल बैंक, साउथ इंडियन बैंक सहित दर्जनों ऐसी एटीएम हैं, जो पिछले 30 दिन से लगातार बंद हैं. एसबीआइ की मुख्य शाखा के बाहर की एटीएम पर खुदरा मिलने की वजह से अधिक भीड़ दिखती है. पटना जिले के 1432 एटीएम में पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, केनरा बैंक, सेंट्रल बैंक, यूनियन बैंक आदि बैंकों की पचास फीसदी से अधिक एटीएम एक माह बाद भी नहीं खुली हैं. इसके कारण लोगों को हर दिन एटीएम से पैसा निकालने के लिए दो-चार एटीएम के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं. विशेष कर मोहल्लों की एटीएम की स्थिति काफी खराब है. यहां के लोगों को एटीएम से पैसा निकालने के लिए मुख्य सड़कों की एटीएम का सहारा लेना पड़ रहा है. गुरुवार को भी अधिकतर एटीएम से दो हजार रुपये ही लोगों को मिल रहे थे. प्रभात खबर ने शहर के प्रमुख इलाके की एटीएम का हाल जानने का प्रयास किया.
गुरुवार को दिन के तीन बजे से साढ़े तीन बजे का वक्त. पाटलिपुत्र चौराहा से राजापुर पुल तक 16 एटीएम हैं, लेकिन पांच में कोई राशि नहीं और 11 एटीएम में से चार में से ही सौ के नोट निकल रहे थे. चार में केवल दो हजार रुपये के नोट लोगों को सर पकड़ने पर मजबूर कर दे रहे थे.
पाटलिपुत्र चौराहा से जैसे ही आप कुरजी की ओर बढ़ते हैं यहां आपको बायीं ओर में एसबीआइ की तीन एटीएम एक साथ नजर आती हैं. यहां जैसे ही आप रुकते हैं तो बाहर खड़ा गार्ड कहता है कि एक में ही पांच सौ और सौ का नोट है. उस पर लाइन में छह लोग लगे हुए थे. साईं मंदिर के आगे दो एटीएम है, लेकिन बस नाम का. दोनों में पैसे खत्म हो गये थे. लोयोला स्कूल के आगे और कुर्जी चौक के पहले की दो एटीएम का भी यही हाल था. केवल पीएमएंड मॉल के सामने एक एटीएम में पैसे थे. कुर्जी के रास्ते आगे बढ़ने पर होली फेमिली अस्पताल के पास वाली एटीएम में दो कियोस्क से सभी तरह के नोट निकल रहे थे. राजापुर पुल तक तीन एटीएम थीं, जिसमें दो ही काम कर रही थी.
इस सड़क पर 11 एटीएम में से आठ खुली थी. बोरिंग रोड चौराहा के पास आइसीआइसीआइ बैंक की एटीएम के बाहर आठ लोग खड़े थे. यहां दो हजार रुपये के साथ लोगों को पांच सौ रुपये भी मिल रहे थे. इनकम टैक्स चौराहा के पास स्टेट बैंक की एटीएम के बाहर चार लोग खड़े थे. यहां केवल लोगों को दो हजार के नोट ही मिल रहे थे.
तारामंडल परिसर में स्थित यूको बैंक की एटीएम खुली थी, लेकिन यहां कोई नहीं था. इलाहाबाद बैंक की मुख्य शाखा की एटीएम से भी दो हजार के नोट ही निकल रहे थे. यहां तीन लोग एटीएम के बाहर खड़े थे. मौर्यालोक परिसर में सेंट्रल बैंक, देना बैंक व एसबीआइ की तीनों एटीएम खुली थी. सभी एटीएम से दो हजार के नोट ही निकल रहे थे.
इस सड़क की 28 एटीएम में से 19 ही काम कर रही थी. नौ एटीएम बंद थी. गांधी मैदान स्थित स्टेट बैंक की आठ एटीएम में से छह एटीएम में से सौ, पांच व दो हजार के नोट निकल रहे थे. वहीं, दो एटीएम से केवल दो हजार के नोट निकल रहे थे. जिन एटीएम से सौ, पांच सौ और दो हजार रुपये निकल रहे थे, वहां सात-आठ लोग लाइन में खड़े थे. एसबीआइ इन टच की एटीएम से पांच सौ और दो हजार के नोट निकल रहे थे. वहीं, इंडियन ओवरसीज बैंक की एटीएम बंद थी. रिजेंट सिनेमा परिसर की पीएनबी की एटीएम नहीं खुली थी.
आइडीबीआइ बैंक की एटीएम के बारह दो लोग अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे. यूनियन बैंक का शटर गिरा था. पटना जंक्शन परिसर में चार एटीएम में से दो काम कर रही थी. स्टेट बैंक की एटीएम के बाहर 20 लोग खड़े थे. यहां लोगों को दो हजार और पांच सौ के नोट मिल रहे थे. वहीं, बैंक ऑफ इंडिया बैंक की एटीएम से सौ, पांच सौ और दो हजार के नोट निकल रहे थे. यूनियन बैंक और एक्सिस बैंक की एटीएम बंद थी.

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