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जमीन खरीद मामले पर जदयू ने साधा भाजपा पर निशाना, कहा-अलग-अलग बयान दे रहे हैं नेता
पटना : बिहार में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यालयों के लिए जिलों में खरीदी गयी जमीन के मामले पर पार्टी नेताओं के आ रहे अलग-अलग बयान पर जदयू ने निशाना साधा है. गुरुवार को जदयू के मुख्य प्रवक्ता सह विधान पार्षद संजय सिंह, प्रवक्ता सह विधान पार्षद नीरज कुमार और प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद […]
पटना : बिहार में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यालयों के लिए जिलों में खरीदी गयी जमीन के मामले पर पार्टी नेताओं के आ रहे अलग-अलग बयान पर जदयू ने निशाना साधा है. गुरुवार को जदयू के मुख्य प्रवक्ता सह विधान पार्षद संजय सिंह, प्रवक्ता सह विधान पार्षद नीरज कुमार और प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने संयुक्त रूप से भाजपा नेताओं के बदलते बयान पर सवाल उठाया है. जदयू प्रवक्ताओं ने कहा कि भाजपा के जमीन खरीद को लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह समेत पार्टी के कई राष्ट्रीय और प्रदेश स्तर के नेता बार-बार अलग-अलग बयान दे रहे हैं.
अमित शाह ने कहा था कि विपक्ष 2015 का अधिकार पत्र दिखाकर आरोप लगा रहा है, लेकिन हकीकत है कि बिहार भाजपा के नेताओं को जो अधिकार पत्र अमित शाह ने दिये, वह फरवरी 2016 का है. अमित शाह कहते हैं कि कार्यालय के लिए जमीन खरीदने का निर्णय जनवरी, 2015 में हुआ था, लेकिन केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद कहते हैं कि जमीन खरीदने का निर्णय जुलाई, 2015 में हुआ था. जदयू प्रवक्ताओं ने भाजपा से पूछा है कि 2015 में भाजपा ने अगर एक भी जमीन खरीदी है तो वह बताये कि कहां और कब खरीदी. अमित शाह कहते हैं कि जमीन खरीद का सारा कैश समय-समय पर बैंक के जरिये भेजा गया था और सारी जानकारी आयकर व चुनाव आयोग को थी.
जदयू ने आरोप लगाया है कि सात जिलों में नकद भुगतान कर जमीन खरीदी गयी है. छह जिले तो ऐसे हैं जहां भुगतान की प्रक्रिया ही नहीं बतायी जा रही है. इससे साफ है कि भाजपा का नोटबंदी और काले धन को जमीन में खपाने का खेल भी साथ-साथ चल रहा था.
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