राज्य में 2450 किमी सड़क, 125 पुलों का निर्माण मार्च तक
उपमुख्यमंत्री ने की सड़क व पुल निर्माण की समीक्षा पटना : राज्य में अगले साल मार्च तक 2450 किलोमीटर सड़क व छोटे-बड़े 125 पुल बनाने का काम पूरा हो जायेगा. इस अवधि तक पथ विकास निगम 645 किलोमीटर सड़क बनाने का काम पूरा करेगी. उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने राज्य में हो रहे सड़क व […]
उपमुख्यमंत्री ने की सड़क व पुल निर्माण की समीक्षा
पटना : राज्य में अगले साल मार्च तक 2450 किलोमीटर सड़क व छोटे-बड़े 125 पुल बनाने का काम पूरा हो जायेगा. इस अवधि तक पथ विकास निगम 645 किलोमीटर सड़क बनाने का काम पूरा करेगी. उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने राज्य में हो रहे सड़क व पुल निर्माण की समीक्षा की. उन्होंने अभियंताओं को सड़क व पुल बनाने का काम टीम भावना से करने का निर्देश दिया है.
उन्होंने कहा कि इस माह कनीय अभियंताओं और सहायक शोध पदाधिकारी जैसे कनीय संवर्गों को भी प्रोन्नति देने की कार्रवाई की जायेगी. समीक्षा में पुल निर्माण निगम के प्रबंध निदेशक ने बताया कि गंगा नदी पर निर्माणाधीन आरा-छपरा पुल, दीघा-सोनपुर एप्रोच रोड, जीपीओ से स्टेशन रोड होते हुए चिरैयाटांड़ फ्लाइओवर, गंडौल-बिरौल के बीच कमला बलान नदी पर पुल व दाउदनगर-नासरीगंज के बीच सोन नदी पर पुल का निर्माण एप्रोच रोड के साथ जून 2017 तक पूरा होगा.
पथ विकास निगम के मुख्य महाप्रबंधक ने बताया कि अगले साल मार्च तक 645 किलोमीटर सड़क का निर्माण पूरा हो जायेगा. उन्होंने बताया कि उदाकिशनगंज, दीघा-सोनपुर एप्रोच रोड का दक्षिणी भाग जनवरी व सक्कडी-सहार-नासरीगंज, मोहम्मदपुर-करनदोरिया-छपरा व रुन्नीसैदपुर-भिसवा सड़क मार्च 2017 तक पूरा कर लिया जाएगा. उपमुख्यमंत्री ने कहा कि नेशनल हाइवे के अवार्ड करने का लक्ष्य 500 किमी व निर्माण लक्ष्य 300 किमी निर्धारित है. इसमें अवार्ड का लक्ष्य 335 किमी व निर्माण का लक्ष्य 96 किमी पूरा हाे गया है. निर्माण के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए मुजफ्फरपुर, दरभंगा, पूर्णिया, भागलपुर व विश्व बैंक कोषांग के संबंधित पदाधिकारियों के कार्यों की गहनता से समीक्षा की गयी.
हाजीपुर-छपरा फोर लेन का बचा हुआ काम अगले साल जून तक पूरा हो जायेगा. फोर लेन पूरा करने का काम वन टाइम फंड इनफ्यूजन कंपलीट लैग्यूशिंग प्रोजेक्ट के तहत होगा. यह स्कीम ऐसे प्रोजेक्ट के लिए है जहां 50 फीसदी से अधिक काम हो चुका है. हाजीपुर-छपरा फोर लेन में 54 फीसदी काम हो चुका है. इसके तहत काम करनेवाली एजेंसी की आर्थिक स्थिति खराब होने पर उसे प्रोजेक्ट कोपूरा करने के लिए राशि सहयोग की जाती है. बिहार की यह पहली प्रोजेक्ट है जिसे केंद्र से स्कीम के तहत पूरा करने का निर्णय लिया गया है. पीएमओ द्वारा किये गये मॉनीटरिंग में इस प्रोजेक्ट विचार हुआ. इस प्रोजेक्ट को पूरा करने पर केंद्रीय कैबिनेट की मुहर लगी.
केंद्रीय कैबिनेट की मुहर लगने के बाद एनएचएआइ, बैंक व काम करनेवाली एजेंसी के बीच त्रिपक्षीय समझौता हुआ. इसमें एजेंसी को आर्थिक सहयोग करने का निर्णय लिया गया, जिससे प्रोजेक्ट कंपलीट हो सके.निर्माण एजेंसी को मिली सहयोग राशि
केंद्र ने हाजीपुर-छपरा फोर लेन प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए काम करनेवाली एजेंसी को राशि सहयोग की है. समझौता के तहत एनएचएआइ ने 175 करोड़ राशि सहयोग की है. इसके अलावा एजेंसी को बैंक से 172 करोड़ लोन देने पर सहमति हो गयी है. बचे हुए काम काम में होनेवाले खर्च की शेष राशि एजेंसी को खुद लगाना है. बिहार की यह पहली प्रोजेक्ट है जिसे पूरा करने के लिए काम करनेवाली एजेंसी को सहयोग किया जा रहा है.
डेढ़ साल से काम की गति सुस्त
हाजीपुर-छपरा फोर लेन निर्माण की गति पिछले डेढ़ साल से सुस्त है. काम करनेवाली एजेंसी की आर्थिक स्थिति खराब होने के बाद काम पर असर पड़ा. जमीन नहीं मिलने पर काम में देरी होने से बैंक ने लोन देने पर पाबंदी लगा दी. इससे फोर लेन बनाने का काम ठप पड़ गया.
45 किलोमीटर में हो रहा काम
फोर लेन में लगभग 80 फीसदी स्ट्रक्चर निर्माण का काम पूरा हो गया है. फोर लेन बनाने के लिए जमीन उपलब्ध है. 66 किलोमीटर में 14 किलोमीटर फोर लेन बनाने का काम पूरा हो गया. 45 किलोमीटर में काम हो रहा है. काम में देरी होने से 813 करोड़ से खर्च बढ़ कर एक हजार तेरह करोड़ हो गया है.
वर्जन
एनएचएआइ के क्षेत्रीय अधिकारी ए के मिश्र ने बताया कि 50 फीसदी से अधिक काम हो चुके ऐसे प्रोजेक्ट को जिसमें निर्माण एजेंसी की आर्थिक तंगी से काम में बाधा आती है. उसे सहयोग करने का प्रावधान है. बिहार की यह पहली प्रोजेक्ट है जिसे पूरा करने के लिए काम करनेवाली एजेंसी को आर्थिक सहयोग मिला है. इसमें एनएचएआइ से 175 करोड़ मिला है. बैंक भी लोन देने के लिए तैयार है. इस प्रोजेक्ट में बचे हुए काम जून तक पूरा हने की संभावना है. एनूटी मोड में बननेवाले फोर लेन में टैक्स एनएचएआइ वसूल करेगी.