पटना: भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने शुक्रवार को कहा है कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने तीन तलाक प्रथा को मुसलिम महिलाओं के साथ क्रूरता बताया है. भाजपा अदालत की राय से इत्तेफाक रखती है. जबकि महिला सशक्तीकरण का दावा करने वाले जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष सहमुख्यमंत्री नीतीश कुमार औरराजदसुप्रीमो लालू प्रसाद ने इस मुद्दे पर चुप्पी साध ली.
भाजपा नेता ने कहा कि हाई कोर्ट ने कहा है कि मुसलिम पर्सनल ला भारतीय संविधान में प्रदत्त समानता और मौलिक अधिकार के सिद्धांत से ऊपर नहीं है. इसे ध्यान में रख कर महागठबंधन के नेता तीन तलाक के मुद्दे पर फिर से विचार कर अपना रुख साफ करें ताकि मुसलिम महिलाओं को एक क्रूर प्रथा से निजात दिलाने का रास्ता साफ हो.
सुशील मोदी ने कहा, नीतीश कुमार कहते हैं कि उन्होंने एक महिला की आवाज पर बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू कर दी, लेकिन लाखों मुसलिम महिलाओं को प्रताड़ित करने वाली वाली प्रथा का विरोध करने का साहस उनमें नहीं है. शराबबंदी का फैसला उन्होंने पीने वालों से पूछ कर किया था. कोई भी सुधारवादी कदम विरोधियों से पूछ कर लागू नहीं किया जाता.