आंगनबाड़ी कर्मियों ने मांगा केंद्र जैसा वेतन

आंगनबाड़ी वर्कर्स फेडरेशन का 6ठा राष्ट्रीय सम्मेलन पटना : आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका देश में शिक्षा, स्वास्थ्य और कुपोषण को मिटाने में अहम भूमिका निभा रही हैं. लेकिन उन्हें मजदूर के बराबर का भी दर्जा प्राप्त नहीं है. उनकी वेतन प्रति दिन 100 रुपये से भी कम है. ऐसे में बिहार सरकार सहित अन्य राज्य […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 11, 2016 6:56 AM
आंगनबाड़ी वर्कर्स फेडरेशन का 6ठा राष्ट्रीय सम्मेलन
पटना : आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका देश में शिक्षा, स्वास्थ्य और कुपोषण को मिटाने में अहम भूमिका निभा रही हैं. लेकिन उन्हें मजदूर के बराबर का भी दर्जा प्राप्त नहीं है. उनकी वेतन प्रति दिन 100 रुपये से भी कम है. ऐसे में बिहार सरकार सहित अन्य राज्य सरकारें केंद्र के बराबर उन्हें वेतन दें. फिलहाल हरियाणा की सरकार 2500 और गोवा की सरकार केंद्र के बराबर वेतन दे रही है.
यह बातें ऑल इंडिया आंगनबाड़ी वर्कर्स फेडरेशन के छठे राष्ट्रीय अधिवेशन को संबोधित करते हुए एटक की राष्ट्रीय सचिव अमरजीत कौर ने कही. उन्होंने कहा कि दो राज्यों में आंगनबाड़ी कर्मियों के पेंशन और तीन राज्यों में ग्रेच्यूटी देने का प्रावधान है. ऐसे में सामाजिक न्याय का ध्येय रखने वाली राज्य सरकार बिहार में इसे क्यों नहीं लागू कर सकती है. सरकार उन्हें सरकारी बसों में मुफ्त यात्रा पास और छठ पर फेस्टिवल अलाउंस भी दे. सम्मेलन में विभिन्न बिहार सहित अन्य राज्यों से आये हजारों आंगनबाड़ी कर्मियों को संबोधित करते हुए फेडरेशन के महासचिव डॉ. बी भी विजयलक्ष्मी ने कहा कि आंगनबाड़ी कर्मी कोई वालंटियर नहीं हैं. उन्हें सरकारी कर्मी का दर्जा दिया जाये.
वहीं, पूर्व विधान पार्षद सह राष्ट्रीय अध्यक्ष उषा सहनी ने कहा कि केंद्र सरकार बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ का नारा दे रही है. लेकिन आज पढ़ी लिखी बेटियों को प्रतिदिन 100 रुपये से कम पर 12 से 18 घंटे काम लिया जा रहा है. इस मौके पर अधिवेशन में बिहार राज्य आंगनबाड़ी कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष चंद्रावती देवी, बिहार इकाई के महासचिव कुमार विन्देश्वर सिंह, पूर्व सांसद सह एटक के राष्ट्रीय महासचिव गुरुदास गुप्ता, बिहार एटक के अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद सिंह, महासचिव चक्रधर प्रसाद सिंह आदि ने भी अपनी बात रखी.

Next Article

Exit mobile version