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ठंड के कहर से दोगुने हो गये दिल के मरीज

सावधान. पीएमसीएच, आइजीआइसी और आइजीआइएमएस के ओपीडी में बढ़ी मरीजों की भीड़ पटना : ठंड शुरू होते ही ह्रदय रोगियों की संख्या में करीब 100 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. इन आंकड़ों को पीएमसीएच, आइजीआइसी एवं आइजीआइएमएस के ओपीडी में देखा जा सकता है. आइजीआइसी व आइजीआइएमएस के ओपीडी में सामान्य दिनों में 50 से […]

सावधान. पीएमसीएच, आइजीआइसी और आइजीआइएमएस के ओपीडी में बढ़ी मरीजों की भीड़
पटना : ठंड शुरू होते ही ह्रदय रोगियों की संख्या में करीब 100 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. इन आंकड़ों को पीएमसीएच, आइजीआइसी एवं आइजीआइएमएस के ओपीडी में देखा जा सकता है. आइजीआइसी व आइजीआइएमएस के ओपीडी में सामान्य दिनों में 50 से 60 तक रहने वाली ह्रदय रोगियों की संख्या 150 के पार निकल गयी है. शहर के अन्य निजी अस्पतालों में भी ह्रदय रोगियों की संख्या बढ़ गयी है. यह स्थिति प्रदेश के बाकी अस्पतालों के भी हैं. इसके अलावा सर्दी, खांसी और हल्के बुखार से पीड़ित रोगी भी अस्पताल पहुंच रहे हैं.
हार्ट अटैक के बढ़े केस : इन दिनों सबसे बड़ा खतरा हार्ट अटैक के रूप में सामने आ रहा है. आइजीआइसी के ह्रदय रोग विशेषज्ञ डॉ एके झा कहना है कि ह्रदय रोग एवं एंजाइना से पीड़ित रोगियों को बिना देर किये ही डॉक्टर से परामर्श ले लेना चाहिए. ताकि दवाओं का डोज सर्दी के मौसम के हिसाब से दिया जा सके. आइजीआइएमएस में हार्ट अटैक के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हो गयी है. आइजीआइएमएस के ह्रदय रोग विभागाध्यक्ष डॉ बीपी सिंह का कहना है कि अटैक आने वाले मरीजों को ठंड में अलर्ट हो जाना चाहिए. क्योंकि ऐसे मरीजों की दवाओं में ठंड के अनुसार बदलाव आते हैं.
सिकुड़ रहीं नसें, दिल पर भार : आइजीआइएमएस के ह्रदय रोग विभागाध्यक्ष डॉ बीपी सिंह का कहना है कि सर्दी के मौसम में रक्त नलिकाएं सिकुड़ने लगती हैं. इससे ह्रदय रोगियों को हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है. नसों का सिकुड़ना सीने में दर्द को बढ़ा देता है. इसे एनजाइमा पेन कहा जाता है. ठंड के दौरान शरीर का रक्तचाप बढ़ जाता है और ह्रदय को ऑक्सीजन पाने के लिए धड़कना पड़ता है. इससे ब्लड प्रेशर भी बढ़ जाता है. दिल को पड़ने वाली इस अतिरिक्त भार के कारण हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है.
पटना : ठंड के बढ़ते ही शहर में स्मॉग का खतरा मंडराने लगा है. दिसंबर से जनवरी तक यह खतरा अत्यधिक हो जाता है, क्याेंकि इस दौरान धुंध और वायु में मौजूद सल्फर डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड और कार्बन मोनोऑक्साइड हवा में मिल कर वायु को प्रदूषित कर देती है.
इससे मुख्य रूप से दमा के मरीज, बच्चों और बूढ़ों को अत्यधिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है. यह श्वांसनली को प्रदूषित कर जाम कर देता है, जिससे फेफड़े में हवा की मात्रा कम होने लगती है. यह हार्टअटैक से लेकर अन्य गंभीर बीमारियों को कारण बन जाता है. पटना में अक्तूबर से ही पीएम 2.5 (हवा में तैरते छोटे धूलकण) का स्तर बढ़ने लगा है, जिसके दिसंबर से जनवरी तक दोगुना होने का अनुमान है. मौसम के बदलते प्रभाव के साथ स्मॉग भी बढ़ेगा, क्योंकि ठंड में धूल कण वायुमंडल के ऊपर नहीं पहुंच पाते और कोहरे के साथ मिल कर हवा को जहरीला बना देते हैं.
बिहार प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के परिवेशीय वायु गुणवत्ता प्रबोधन केंद्र के अनुसार शुक्रवार काे पीएम 2.5 का स्तर 180 दर्ज किया गया. जबकि इसका सामान्य स्तर 60 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर होता है. शनिवार दोपहर 1.20 बजे यह स्तर 149 रहा. अक्तूबर में यह स्तर 108 था. एक दिसंबर से पीएम 2.5 का औसत स्तर 200 से लेकर 210 माइक्रोग्राम घनमीटर था. प्रबोधन केंद्र के मुताबिक आनेवाले दिनों में पीएम 2.5 का लेवल 300 एमजीसीएम तक जाने की उम्मीद है.
प्रदूषण को कम करने के लिए ये हों उपाय
सड़कों की नियमित सफाई की जाए
पुराने वाहनों के संचालन के बजाय नये वाहनों को परमिट दिये जाएं
सड़कों के किनारे प्लांटेशन कार्य बड़ी संख्या में किये जाएं
निर्माण कार्य ढ़क कर किया जाए, जिससे सीमेंट और अन्य धूल कण हवा को दूषित न बनाये
संपूर्णक्रांति सहित चार ट्रेनें रहीं रद्द, आधा दर्जन ट्रेनें हुईं रिशिड्यूल
पटना : ठंड शुरू होते ही रेलवे की चाल धीमी और यात्रियों की परेशानियां तेज हो जाती हैं. रोज ट्रेन लेट और रद्द हो रही हैं. शनिवार को भी चार ट्रेनें रद्द हो गयीं. इसमें पटना से दिल्ली जानेवाली संपूर्णक्रांति, जम्मू जानेवाली हिमगिरी एक्सप्रेस आदि प्रमुख ट्रेनें रद्द हो जाने से यात्री परेशान रहे. टिकट कैंसिल कराने को लेकर काउंटरों पर भीड़ रही. कई ट्रेनों को रिशिड्यूल कर चलाया गया.
ये ट्रेनें रहीं रद्द :
12393 पटना-दिल्ली संपूर्ण क्रांति एक्स
12331 हावड़ा-जम्मू हिमगिरी एक्स
13007 उद्यान अाभा तूफान एक्स
22405 भागलपुर-दिल्ली गरीब रथ
ये ट्रेनें 15-20 घंटे देरी से चलीं :
राजेंद्र नगर एलटीटी एक्स, हावड़ा-रक्सौल मिथिला एक्स, सद्भावना एक्सप्रेस, लिच्छवी एक्स, साबरमती एक्स, जयनगर-दिल्ली एक्स सहित दर्जनों ट्रेनें 15 से 20 घंटे देरी से चलीं.
रिशिड्यूल होकर चलीं ट्रेनें :
12391 श्रमजीवी एक्सप्रेस : राजगीर से- 12 बजे
12355 अर्चना एक्सप्रेस : राजेंद्र नगर से- दोपहर 1.00 बजे
13237 पटना-कोटा एक्स : पटना से- रात 8.30 बजे
13282 न्यू तिनसुकिया : राजेंद्र नगर से – शाम सात बजे
12296 संघमित्रा एक्सप्रेस : पाटलिपुत्र जं से – रात एक बजे
12401 मगध एक्सप्रेस : पटना से सुबह 7.30 बजे.

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