पटना, बख्तियारपुर और मोकामा में गंगा कटाव से मिलेगी मुक्ति
पटना : गंगा तट पर बसे दियारा और आस-पास के क्षेत्रों को नदी में विलीन होने से बचाने को जल संसाधन विभाग आगे आया है. पिछले चार वर्षों से पटना, मोकामा और बख्तियारपुर के गंगा किनारे के गांव भीषण कटाव झेल रहे हैं. मोकामा-बख्तियारपुर के गंगा तटों के किनारे बसे गांवों के लोग कटाव को […]
पटना : गंगा तट पर बसे दियारा और आस-पास के क्षेत्रों को नदी में विलीन होने से बचाने को जल संसाधन विभाग आगे आया है. पिछले चार वर्षों से पटना, मोकामा और बख्तियारपुर के गंगा किनारे के गांव भीषण कटाव झेल रहे हैं. मोकामा-बख्तियारपुर के गंगा तटों के किनारे बसे गांवों के लोग कटाव को लेकर धीरे-धीरे पलायन भी करने लगे हैं. तीन वर्षों में गंगा के कटाव में मोकामा-बख्तियारपुर के 63 कच्चे मकान विलीन हो चुके हैं.
जल संसाधन विभाग बख्तियारपुर डिवीजन के एक्जिक्यूटिव इंजीनियर भोला शरण ने बताया कि पिछले वर्ष भी इन गांवों को गंगा के बाढ़-कटाव से बचाव के काम हुए थे, किंतु बीच में ही गंगा का जल स्तर बढ़ जाने के कारण काम रोक देना पड़ा. पिछली बार पिचिंग और सेफ्टी वाल आदि का काम कराया जाना था. पिछली बार की घटना से विभाग ने सबक लिया है. पिछले वर्ष कटाव निरोधक कार्य पर 60 लाख रुपये खर्च हुए थे.
इस बार विभाग ने बाढ़ पूर्व कटाव निरोधक कार्य कराने का निर्णय लिया है. कटाव निरोधक कार्य मई, 2017 तक हर-हाल में पूरा कराने का लक्ष्य विभाग ने तय किया है. उन्होंने उम्मीद जतायी है कि कटाव निरोधक कार्य से गांव सुरक्षित होंगे. बख्तियारपुर में गंगा तट पर बने शिव मंदिर को भी कटाव से बचाव की विभाग ने इस बार की योजना में शामिल किया है.
बख्तियारपुर, मोकामा और पटना के गंगा तट के किनारे इन गांवों में एक हजार की आबादी है. अधिकतर लोग पशु पालन और खेतीबारी का काम करने वाले हैं.
किन-किन गांवों का कटाव से होगा बचाव
बख्तियारपुर
चिरैया दियारा
सबनीमा गांव
सुंदरपुर
दनियांवा
ग्वालटोली
नीमचक
खरमनचक
भूदेवगंज
बिंद टोली
मोकामा
मोहनिया
शिवनार
टेटिया
सुगनचक
बड़की टोला
नोनिया
भसानी
कुलहड़िया