नये सत्र से खुलेंगे पांच पॉलीटेक्निक

नवादा, अररिया, बक्सर, खगड़िया व सीवान में तैयार हो रहे भवन पटना : राज्य के पांच जिलों नवादा, अररिया, बक्सर, खगड़िया व सीवान में नये साल 2017 से पॉलीटेक्निक की पढ़ाई शुरू होगी. इसके लिए इन जिलों में भवन तैयार किये जा रहे हैं. भवन के निर्माण का काम मार्च तक पूरा कर लिये जाने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 12, 2016 6:48 AM
नवादा, अररिया, बक्सर, खगड़िया व सीवान में तैयार हो रहे भवन
पटना : राज्य के पांच जिलों नवादा, अररिया, बक्सर, खगड़िया व सीवान में नये साल 2017 से पॉलीटेक्निक की पढ़ाई शुरू होगी. इसके लिए इन जिलों में भवन तैयार किये जा रहे हैं. भवन के निर्माण का काम मार्च तक पूरा कर लिये जाने की संभावना है. इसके बाद नये सत्र से इन पांचों पॉलीटेक्निक संस्थानों में एडमिशन होगा और पढ़ाई शुरू होगी. इससे पहले विज्ञान व प्रावैधिकी विभाग एआइसीटीइ से सत्र शुरू करने का सहमति लेगा.इस साल राज्य के चार जिलों मधेपुरा, मुंगेर, समस्तीपुर और शेखपुरा में पॉलीटेक्निक की पढ़ाई शुरू हो गयी है.
ये संस्थान फिलहाल अस्थायी भवन में चल रहे हैं. इसके भवन निर्माण का भी काम चल रहा है और नये सत्र से पहले यह तैयार हो जायेगा. राज्य में अब तक 27 जिलों में पॉलीटेक्निक संस्थान हैं. अगले साल पांच पॉलीटेक्निक संस्थान खुल जाने से राज्य में पॉलीटेक्निक संस्थानों की संख्या 32 हो जायेगी. इसके बाद अगले दो वित्तीय वर्षों में बचे छह जिलों में तीन-तीन पॉलीटेक्निक संस्थानों के भवन का निर्माण पूरा कर लिया जायेगा. राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष 2016-17 से लेकर 2020-21 में पॉलीटेक्निक संस्थानों के भवन निर्माण के लिए 841 करोड़ रुपये खर्च करने की स्वीकृति दे दी है.
पटना. राज्य में आंगनबाड़ी केंद्रों के निर्माण की तैयारी शुरू हो गयी है. समाजकल्याण विभाग द्वारा राज्य के 6162 आंगनबाड़ी केंद्रों के निर्माण के लिए सरकार द्वारा जमीन उपलब्ध करा दी गयी है.
पहले चरण में 997 केंद्रों का निर्माण कराया जायेगा. ग्रामीण विकास विभाग द्वारा इन केंद्रों का निर्माण कराया जायेगा. सात लाख 26 हजार की लागत से प्रति आंगनबाड़ी केंद्र का निर्माण कराया जायेगा. इसमें पांच लाख ग्रामीण विकास विभाग द्वारा श्रम व सामग्री मद से खर्च किया जायेगा जबकि शेष राशि दो लाख 26 हजार समाज कल्याण विभाग द्वारा उपलब्ध कराया जायेगा. ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्रों के निर्माण के लिए मनरेगा योजना में प्रावधान किया गया है.
मनरेगा योजना में पांच लाख की राशि के 60 फीसदी भाग का खर्च मजदूरी पर जबकि 40 फीसदी राशि का उपयोग भवन निर्माण की सामग्री पर खर्च किया जायेगा. इन केंद्रों से समाज के सबसे नीचे तक लोगों के पास सामाजिक क्षेत्र की योजनाओं को पहुंचाया जाता है. उन्होंने बताया कि राज्य में 6162 आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए हर जिले में जिलाधिकारियों द्वारा जमीन उपलब्ध करा दी गयी है. कई स्थलों पर तो जमीन की खरीद करनी पड़ी है जबकि अन्य स्थलों पर सरकारी जमीन पर ही भवन का निर्माण कराया जायेगा. उन्होंने बताया कि पहले चरण में हर जिले में कुछ स्थलों का चयन किया गया है.
जिलाधिकारियों द्वारा भेजे गये प्रतिवेदन के आधार पर पहले चरण के केंद्रों के निर्माण की प्रक्रिया आरंभ की जायेगी. उन्होंने बताया कि पहले चरण में अररिया जिला में 27 केंद्रों का निर्माण कराया जायेगा.
इसी तरह से पहले चरण में अरवल जिले में 10, औरंगाबाद में 20, बांका में 23, बेगूसराय में 20, भागलपुर में 30, भोजपुर में 29, बक्सर में 18, दरभंगा में 41, गया में 42, गोपालगंज में 29, जमुई में 19, जहानाबाद में 13, कैमूर में 19, कटिहार में 29, खगड़िया में 22, किशनगंज में 16, लखीसराय में 10, मधेपुरा में 21, मधुबनी में 50, मुंगेर में चार, मुजफ्फरपुर में 45, नालंदा में 35, नवादा में 28, पश्चिम चंपारण में 43, पटना में 41, पूर्वी चंपारण में 50, पूर्णिया में 39, रोहतास में सात, सहरसा में 19, समस्तीपुर में 48, सारण में 41, शेखपुरा में तीन, शिवहर में आठ, सीतामढ़ी में 40, सुपौल में 23 और वैशाली में 35 आंगनबाड़ी केंद्रों का निर्माण कराया जाना है.

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