बिहार और यूपी के बीच सात रूटों पर दौड़ेंगी बसें
पटना : बिहार के लोगों को काशी विश्वनाथ का दर्शन करना अब आसान होगा. लोगों को ट्रेनों में भीड़-भाड़ व रिजर्वेशन वेटिंग का इंतजार नहीं करना पड़ेगा. पटना सहित अन्य जगहों से लोग सड़क मार्ग से सीधे वाराणसी पहुंच जायेंगे. लोगों को सड़क मार्ग की सुविधा मुहैया कराने के लिए बिहार सरकार ने बिहार व […]
पटना : बिहार के लोगों को काशी विश्वनाथ का दर्शन करना अब आसान होगा. लोगों को ट्रेनों में भीड़-भाड़ व रिजर्वेशन वेटिंग का इंतजार नहीं करना पड़ेगा. पटना सहित अन्य जगहों से लोग सड़क मार्ग से सीधे वाराणसी पहुंच जायेंगे. लोगों को सड़क मार्ग की सुविधा मुहैया कराने के लिए बिहार सरकार ने बिहार व यूपी के बीच सात रूटों पर बसों के परिचालन के लिए अनुमति दी है. राज्य परिवहन प्राधिकार की बैठक में बसों के परिचालन के लिए परमिट की स्वीकृति दी गयी. इन रूटों पर बिहार राज्य पथ परिवहन निगम की बसें चलेगी.
सात रूटों पर होगा परिचालन
सात रूटों पर 21 बसों का परिचालन के लिए लिए परमिट मिला होगा. परमिट स्वीकृत होनेवाले रूट में पटना-गोरखपुर, पटना-वाराणसी, मुजफ्फरपुर-गोरखपुर, मोतिहारी-गोरखपुर, आरा-वाराणसी, रक्सौल-गोरखपुर व दरभंगा-भदोई रूटशामिल है.
सबसे अधिक परमिट पटना-गोरखपुर के बीच 12 व पटना-वाराणसी के बीच चार स्वीकृत हुआ है. परमिट स्वीकृत होने के एक माह के अंदर परिवहन निगम को परमिट लेकर इन रूटों पर बस चलाना है. राज्य परिवहन प्राधिकार की बैठक में प्राधिकार के अध्यक्ष राजस्व पर्षद के सदस्य, प्राधिकार के सदस्य राज्य परिवहन आयुक्त सहित गैर सरकारी सदस्य शामिल हुए. विभागीय सूत्र ने बताया कि यूपी परिवहन प्राधिकार द्वारा भी समझौता रूट पर परमिट देने पर शीघ्र बैठक होनेवाली है.
मई में हुआ था समझौता
बिहार व यूपी के बीच छह मई 2016 को परिवहन समझौता हुआ था. परिवहन मंत्री चंद्रिका राय की उपस्थिति में विभाग की प्रधान सचिव सुजाता चतुर्वेदी व यूपी परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव कुमार अरविंद सिंह देव ने हस्ताक्षर किये . केंद्रीय मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 88 के प्रावधान के अनुसार दोनों राज्यों के बीच 34 रूट पर परिवहन समझौता हुआ है.