टेलीमेडिसिन योजना के लिए केंद्र को फिर से जायेगा प्रस्ताव
पटना : ग्रामीण इलाकों के मरीजों को राजधानी के विशेषज्ञों से स्वास्थ्य सेवा प्राप्त करने की टेलीमेडिसिन योजना दो सालों से ठप पड़ गयी है. 2010 में शुरू की गयी योजना 2014 तक आते-आते बंद हो गयी. तीन सालों में इस योजना से विभिन्न रोग से पीड़ित साढ़े तीन लाख मरीजों को लाभ मिला था. […]
पटना : ग्रामीण इलाकों के मरीजों को राजधानी के विशेषज्ञों से स्वास्थ्य सेवा प्राप्त करने की टेलीमेडिसिन योजना दो सालों से ठप पड़ गयी है. 2010 में शुरू की गयी योजना 2014 तक आते-आते बंद हो गयी. तीन सालों में इस योजना से विभिन्न रोग से पीड़ित साढ़े तीन लाख मरीजों को लाभ मिला था.
राज्य स्वास्थ्य समिति के आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि केंद्र सरकार द्वारा इ-हेल्थ योजना के तहत प्रस्ताव की मांग की गयी है. राज्य सरकार द्वारा प्रस्ताव तैयार कर भेजा जायेगा. केंद्र सरकार द्वारा सहमति मिलने पर टेलीमेडिसिन सेवा शुरू की जायेगी. केंद्रीय आयुष मंत्रालय द्वारा राज्य में टेलीमेडिसिन की सुविधा देने के लिए कर्नाटक की सरकारी एजेंसी कियोनिक्स इलेक्ट्रॉनिक के साथ एग्रीमेंट किया गया था.
इसके द्वारा राजधानी के पीएमसीएच, एनएमसीएच, इंदिरागांधी हृदय रोग संस्थान और दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल को जोड़ा गया था. इसके अलावा एजेंसी द्वारा निजी संस्थानों से भी एग्रीमेंट कर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराती थी. टेलीमेडिसिन के राज्य के 250 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों से जोड़ा जाना था. जिससे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में आनेवाले मरीजों को विशेषज्ञों का कुछ निर्धारित शुल्क पर परामर्श की सुविधा उपलब्ध करायी जा सके. आयुष मंत्रालय ने इस प्रोजेक्ट से बीच में ही राशि का आवंटन बंद कर दिया.
इधर, राज्य सरकार भी इसे अपने संसाधनों से संचालित नहीं करा सकी. संचालन पर आरंभिक खर्च के अलावा 60-70 लाख रुपये खर्च होते हैं.
इतनी राशि इन केंद्रों के माध्यम से प्राप्त भी हो जाता है. केंद्र सरकार द्वारा इससे हाथ खींच लेने के कारण बंद कर देना पड़ा.