7वां वेतनमान : अप्रैल से राज्यकर्मियों को मिलेगा लाभ

पटना : राज्य सरकार अपने कर्मचारियों और पेंशनरों को बड़ी सौगात देने की तैयारी में है. केंद्र सरकार के तर्ज पर सातवां वेतनमान देने के लिए वेतन कमेटी का गठन कर लिया गया है. अगले साल अप्रैल से ही राज्यकर्मियों को नये वेतनमान का लाभ मिल सकता है. नयी कमेटी में राज्य के पूर्व मुख्य […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 20, 2016 7:07 AM
पटना : राज्य सरकार अपने कर्मचारियों और पेंशनरों को बड़ी सौगात देने की तैयारी में है. केंद्र सरकार के तर्ज पर सातवां वेतनमान देने के लिए वेतन कमेटी का गठन कर लिया गया है. अगले साल अप्रैल से ही राज्यकर्मियों को नये वेतनमान का लाभ मिल सकता है. नयी कमेटी में राज्य के पूर्व मुख्य सचिव जीएस कंग को अध्यक्ष बनाया गया है. इस तीन सदस्यीय वेतन कमेटी में उनके अलावा वित्त विभाग के प्रधान सचिव रवि मित्तल और वित्त के ही सचिव (व्यय) राहुल सिंह को अध्यक्ष बनाया गया है.
हालिया कैबिनेट की बैठक में इस कमेटी के गठन को मंजूरी मिलने जा रही है. मंत्रीपरिषद की मंजूरी मिलने के साथ ही वेतन कमेटी पूरी तरह से काम करना शुरू कर देगा. गठन होने के चार-पांच महीने में यह सरकार को अपनी रिपोर्ट दे देगी. इस तरह नये वित्तीय वर्ष के अप्रैल से राज्य कर्मचारियों को नये वेतनमान का लाभ मिल जायेगा. इसमें मूल वेतन और भत्ता को मिलाकर करीब 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी.
इसका लाभ जनवरी नहीं बल्कि अप्रैल 2016 से मिलने की संभावना है. 1970 बैच के आइएएस अधिकारी जीएस कंग को मई, 2005 में राज्य का मुख्य सचिव बनाया गया था और वे सितंबर 2006 तक इस पद पर बने रहे. रिटायर्ड होने के बाद से जीएस कंग राज्य के बाहर ही रह रहे थे.
राज्य सरकार के कर्मचारियों को उनके मूल वेतन में करीब 14 प्रतिशत, एचआरए (हॉउसिंग रेंट एलाउंस) में पांच प्रतिशत समेत अन्य भत्तों को मिलाकर कुल 20 प्रतिशत के आसपास वेतन बढ़ोतरी का लाभ होगा. हालांकि केंद्र सरकार ने अभी तक अपने कर्मचारियों को भत्ता देने से संबंधित अधिसूचना जारी नहीं की है. इस वजह से भत्ता का सटीक निर्धारण केंद्रीय अधिसूचना के बाद ही हो सकेगा. फिर भी वित्त विभाग के आकलन के अनुसार, यह बढ़ोतरी 20 से 21 प्रतिशत के बीच ही रहेगी. इसका सीधा लाभ राज्य सरकार के करीब तीन लाख 60 हजार कर्मचारियों और चार लाख 10 हजार पेंशनधारकों को होगा. इसमें नियोजित कर्मचारी शामिल नहीं हैं.
अगले साल के बजट में बड़ा हो जायेगा गैर-योजना आकार
वर्ष 2017-18 में राज्य का गैर-योजना आकार योजना आकार की तुलना में बड़ा हो सकता है. सातवां वेतनमान देने में राज्य के खजाने पर 10-11 हजार करोड़ का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा. इसके लिए सरकार ने अपने आय के स्रोत और संसाधनों को बढ़ाने पर भी मंथन शुरू कर दिया है. ताकि इसका भार सह सके. हालांकि आगामी वित्तीय वर्ष से बजट में योजना और गैर-योजना आकार को अलग-अलग नहीं करके दर्शाया जायेगा.
अप्रैल से िमलता रहा है लाभ
पिछले दो बार राज्य सरकार वेतनमान का फायदा वित्तीय वर्ष की शुरुआत यानी अप्रैल से ही देती आ रही है. इस आधार पर 7वां वेतनमान का लाभ भी अप्रैल 2016 से ही मिलने की संभावना ज्यादा है. इस बार भी राज्य सरकार इसी परंपरा का निर्वहन करेगी. हालांकि अभी इसे लेकर अंतिम निर्णय वेतन कमेटी की तरफ से ही होना है. वित्तीय वर्ष के शुरू से देने के पीछे एक तर्क यह भी है कि वित्तीय बोझ के अनुसार संसाधनों का निर्धारण आसानी से किया जा सकता है.
देरी नहीं हो, इसलिए नहीं गठित की गयी फिटमेंट कमेटी
राज्य कर्मचारियों को 7वां वेतनमान का लाभ मिलने में देरी नहीं हो, इस वजह से भी फिटमेंट कमेटी के स्थान पर वेतन कमेटी का गठन किया गया है. इसके अलावा फिटमेंट कमेटी का गठन इस बार नहीं किया जा रहा है, क्योंकि केंद्र के अनुरूप या उनके समानुपात में पदों के स्टैंडर्ड या कैटोगराइजेशन की जरूरत इस बार नहीं पड़ेगी.
राज्य में केंद्रीय पदों के अनुरूप पदों का समानुपातिक सृजन 1975 में गठित की गयी फिटमेंट कमेटी में कर दिया गया था. इसी के आधार पर इस बार भी पद के अनुसार वेतन की समानुपातिक रूप से बढ़ोतरी कर दी जायेगी. यह काम वेतन कमेटी के जरिये ही हो जायेगा.
हालांकि केंद्र और राज्य के कई पदों और वेतनमान में काफी अंतर है और कई पद ऐसे हैं, जो सिर्फ राज्य में ही हैं. फिर भी राज्य के इन पदों के आसपास केंद्र में मौजूद पदों या राज्य में ही मौजूद आसपास के पदों के आधार पर इनकी वेतन बढ़ोतरी का निर्धारण कर लिया जायेगा. वेतन कमेटी इसी तरह के कार्यों की समीक्षा करके सभी पदों के लिए नये वेतनमान का निर्धारण करेगी. राज्य में सर्विस और कैडर पदों को मिलाकर इनकी संख्या करीब 45 है.

Next Article

Exit mobile version