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अविश्वास से महागंठबंधन में बिखराव की स्थिति : मोदी
पटना : वरिष्ठ भाजपा नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि महागंठबंधन में अंतर्विरोध, तनाव और अविश्वास के चलते बिखराव वाली स्थिति हो गयी है. इससे शासन-प्रशासन भी प्रभावित हो रहा है. नोटबंदी के मुद्दे पर शह और मात का खेल शुरू हो गया है. मोदी ने आशंका जतायी कि कहीं […]
पटना : वरिष्ठ भाजपा नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि महागंठबंधन में अंतर्विरोध, तनाव और अविश्वास के चलते बिखराव वाली स्थिति हो गयी है. इससे शासन-प्रशासन भी प्रभावित हो रहा है. नोटबंदी के मुद्दे पर शह और मात का खेल शुरू हो गया है. मोदी ने आशंका जतायी कि कहीं लालू प्रसाद व कांग्रेस के दबाव में नीतीश कुमार नोटबंदी पर सरकार बचाने के लिए अपना स्टैंड न बदल दें. वे मंगलवार को अपने आवास पर जनता दरबार के बाद संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे.
सुशील कुमार मोदी ने कहा कि पहले प्रधानमंत्री के पद, फिर यूपी चुनाव और अब नोटबंदी को लेकर महागंठबंधन में शह और मात का खेल शुरू हो गया है. उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी का लालू प्रसाद के घर जाना, सरकार के किसी मंत्री द्वारा ममता बनर्जी की स्वागत नहीं करना, नोटबंदी के विरोध में धरना में नीतीश कुमार को गद्दार कहना, भारत बंद में जदयू का शामिल नहीं होना, लालू प्रसाद की शह पर रघुवंश प्रसाद सिंह द्वारा नीतीश कुमार के खिलाफ बयान देना, सदन को नहीं चलने देना और राजद के धरना में जदयू का शामिल नहीं होना, ये बिखराव के संकेत हैं.
उन्होंने कहा कि निश्चय यात्रा में न तेजस्वी यादव शामिल होते हैं और न अशोक चौधरी. उन्होंने कहा कि सरकार बचाने के लिए जदयू प्रवक्ता नोटबंदी का विरोध करने लगे हैं. नीतीश कुमार भी अब सुर बदलने लगे हैं. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार बेमानी संपत्ति का मुद्दा उठाकर कांग्रेस व राजद को डरा रहे हैं. सबसे अधिक घोटाले इन्हीं के राज में हुए हैं और लाभ कांग्रेस व राजद के नेताओं को हुआ. नीतीश कुमार के देश पूरी तरह कैशलेस नहीं हो सकता इस बयान पर मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार ने कभी भी कैशलेस इकोनॉमी की बात नहीं कही. केंद्र सरकार कम से कम कैश के उपयोग की बात कह रही है.
बदहाल शिक्षा के लिए नीतीश जिम्मेवार: डाॅ प्रेम
विधानसभा में विपक्ष के नेता डाॅ प्रेम कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राज्य की बदहाल शिक्षा व्यवस्था के लिए जिम्मेवार हैं. उनके शासनकाल में सूबे में शिक्षा बेहाल हो चुकी है.सिर्फ सुधारने की बातें कह कर अपनी जिम्मेवारियों से बचने का काम कर रहे हैं. लोक संवाद में राज्य की शिक्षा व्यवस्था की पोल खुल गयी. डाॅ कुमार ने कहा कि सामान्य शिक्षा, समान्य वेतन देने से नीतीश कुमार भाग क्यों रहें हैं. राज्य के नियोजित शिक्षकों को वेतन नहीं मिल रहा है. पिछले साल सामूहिक नकल से पूरे देश में राज्य की छवि धूमिल हुई. इस साल टॉपर घोटाला हुआ, जिससे राज्य की दोबारा छवि पूरे देश में धूमिल हुई.
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