केंद्र के इनकार के बाद बिहार अपने बूते देगा जवानों को नक्सलियों से लड़ने की ट्रेनिंग

पटना : बिहार सरकार सीआइएटी यानी काउंटर एंड एंटी टेररिस्ट स्कूल की फंडिंग अब अपने बलबूते करेगी. साथ ही इसके जरिये बिहार पुलिस के जवानों और अधिकारियों को आंतकवाद और नक्सलवाद से निबटने की ट्रेनिंग देगी. बिहार सरकार ने केंद्र सरकार द्वारा लिए गये एक फैसले के बाद यह निर्णय लिया है. मीडिया रिपोर्ट्स की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 21, 2016 2:36 PM

पटना : बिहार सरकार सीआइएटी यानी काउंटर एंड एंटी टेररिस्ट स्कूल की फंडिंग अब अपने बलबूते करेगी. साथ ही इसके जरिये बिहार पुलिस के जवानों और अधिकारियों को आंतकवाद और नक्सलवाद से निबटने की ट्रेनिंग देगी. बिहार सरकार ने केंद्र सरकार द्वारा लिए गये एक फैसले के बाद यह निर्णय लिया है. मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो केंद्र द्वारा फंडिंग बंद होने के बाद राज्य में स्थित तीन में से दो ट्रेनिंग सेंटरों में प्रशिक्षण जारी रहेगा. राज्य के पास ऐसे तीन स्कूल हैं. जिसमें बोधगया, डेहरी और डुमरांव शामिल है. इन्हें संचालन के लिये पैसा केंद्र सरकार की ओर से सहायता प्राप्त होता था. अब केंद्र सरकार इसके लिये सहायता नहीं करेगा.

सूत्रों की माने तो केंद्र सरकार ने अब सहायता देना बंद कर दिया है. बिहार सरकार अपने जवानों और पुलिस अधिकारियों को लड़ाई की नयी तकनीक और गुरिल्लावार की ट्रेनिंग लगातार देना चाहती है. इसके लिये राज्य सरकार ने इसका खर्च उठाने का निर्णय लिया है. राज्य सरकार शुरूआती दिनों में इसे पांच साल तक चलायेगी. इसपर लगभग डेढ़ करोड़ रुपये का खर्च आयेगा. सरकार का लक्ष्य है कि इस ट्रेनिंग के जरिये बिहार के पुलिस फोर्स को पूरी तरह मजबूत और तकनीकी प्रो बनाना है. इसके लिये विशेषज्ञों को भी बुलाया जायेगा. इसमें सब-इंस्पेक्टर और जवानों को प्रशिक्षित किया जा जाता है. इसमें जंगल के हालात से निबटने के अलावा कमांडों ट्रेनिंग भी दी जाती है.

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