UP चुनाव को लेकर JDU की नयी रणनीति, अभियान का अगला चरण 23 से
पटना : जदयू के मिशन यूपी का अगला चरण 23 दिसंबर से आरंभ हो रहा है. पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और यूपी के प्रभार सांसद आरसीपी सिंह 28 दिसंबर तक वहां कैंप करेंगे. इलाहाबाद, मिरजापुर, बनारस, चंदौली और कानपुर के इलाके में पार्टी अभियान को गति दी जायेगी. जदयू ने यूपी विधानसभा चुनाव में अपने […]
पटना : जदयू के मिशन यूपी का अगला चरण 23 दिसंबर से आरंभ हो रहा है. पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और यूपी के प्रभार सांसद आरसीपी सिंह 28 दिसंबर तक वहां कैंप करेंगे. इलाहाबाद, मिरजापुर, बनारस, चंदौली और कानपुर के इलाके में पार्टी अभियान को गति दी जायेगी. जदयू ने यूपी विधानसभा चुनाव में अपने दम पर उतरने का मन बना लिया है. इसके लिए उम्मीदवार भी तय किये जा रहे हैं. चुनाव की घोषणा हो जाने के बाद उम्मीदवारों के पक्ष में चुनाव प्रचार करने राष्ट्रीय अध्यक्ष और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार यूपी जायेंगे.
फिलहाल वहां के पांच प्रमंडलों में जदयू कार्यकर्ता रैली आयोजित कर चुका है और उसमें नीतीश कुमार ने संबोधित किया है. यूपी विधानसभा के चुनाव में पहली बार दमखम के साथ हिस्सा ले रही पार्टी के साथ फिलहाल अजित सिंह खड़े दिख रहे हैं. अति पिछड़ी जातियों के बीच लोकप्रिय कई पार्टियां जदयू के साथ आ सकती है. पार्टी की कोशिश पहले संगठन मजबूत करने और फिर बिहार मॉडल को फोकस में रख चुनाव में उतरने की है.
पार्टी का ध्यान बिहार से सटे पूर्वांचल के इलाके पर है. इस इलाके में करीब सौ विधानसभा की सीटें हैं. एक ओर पार्टी का ध्यान यूपी के वोट की ताकत में संपन्न माने जाने वाले पटेल और अतिपिछड़ी जातियों की समूह पर टिकी है. जदयू मुस्लिम इलाके में भी अपनी पैठ बना रहा.
प्रदेश प्रभारी सांसद आरसीपी सिंह कहते हैं कि शराबबंदी को लेकर मुसलमानों में नीतीश कुमार की चर्चा है. वे कहते हैं जहां नीतीश कुमार की सभा हुई है बड़ी संख्या में अल्पसंख्यक लोगों का जुटान हुआ. खासकर युवा मुस्लिम ध्यानपूर्वक उनकी बातों काे सुनते हैं. सामाजिक समीकरण को अपने पक्ष में लाने की मुहिम के साथ ही जदयू बिहार में किये गये कार्यों को भी यूपी का चुनावी मुद्दा बनाना चाहता है. जदयू वहां विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ेगा, पार्टी इस बात पर सहमत है.
पार्टी अपने एजेंडे में यूपी में वर्षों से नयी सड़क नहीं बनने, किसानों की समस्या, कानून व्यवस्था जैसी चीजें उठा रहा. प्रभारी सांसद सिंह कहते हैं यूपी में शासन का इकबाल नहीं रहा और जातिवाद इतनी हावी कि पिछले दिनों हुई राज्य लोक सेवा आयोग की 84 सीटों पर हुई बहाली में 56 से अधिक एक ही जाति के लोग चयनित हुए. जदयू इन सबको मुद्दा बना रहा है. शराबबंदी पर महिलाओं की ओर से बजने वाली तालियों से जदयू उत्साहित है.