जदयू अब भी नोटबंदी के साथ, पर लोगों को परेशानी न हो
पटना : जदयू के मुख्य प्रवक्ता विधान पार्षद संजय सिंह ने कहा कि एक तरफ केंद्र सरकार डिजिटल पेमेंट की बात कह रही है. वहीं दूसरी तरफ आम लोगों को कतार में खड़ा होने को विवश कर रही है. उन्होंने कहा कि दुनिया के लोग मंगल और चांद तक पहुंच गये, लेकिन भारत के लोग […]
पटना : जदयू के मुख्य प्रवक्ता विधान पार्षद संजय सिंह ने कहा कि एक तरफ केंद्र सरकार डिजिटल पेमेंट की बात कह रही है. वहीं दूसरी तरफ आम लोगों को कतार में खड़ा होने को विवश कर रही है.
उन्होंने कहा कि दुनिया के लोग मंगल और चांद तक पहुंच गये, लेकिन भारत के लोग एटीएम के कतार में खड़े नजर आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि भाजपा नेता सुशील मोदी को नोटबंदी से कोई परेशानी नही है. क्योंकि जब इनकी ही सरकार सबकुछ कर रही है तो फिर इनको क्या परेशानी? उन्होंने पूछा कि सुशील मोदी बताएं कि वह कितने दिन एटीएम की कतार में खड़े हुए हैं. कतार तो दूर कोई भी भाजपा नेता बैंक तक नही गया. जबकि, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का स्टैंड कल भी वही था जो आज है. यहां तक कि कल भी वही रहेगा. लेकिन इस नोटबंदी की तैयारी में जिस तरह केंद्र सरकार फेल हुई है वो तो जग जाहिर है. उन्होंने कहा कि जदयू अब भी नोटबंदी के साथ है. लेकिन, आवाम को दिक्कत होगी तो उसके खिलाफ जदयू आवाज उठायेगा.
सिंह ने कहा कि सुशील मोदी दफ्तर में बैठकर सिर्फ बयान दे रहे हैं.पीएम ईमानदार तो लोकपाल की नियुक्ति क्यों नहीं कर रहे : जदयू के प्रदेश प्रवक्ता नवल शर्मा ने कहा कि केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद का यह कहना बेहद हास्यास्पद है की पीएम नरेंद्र मोदी गंगा की तरह पवित्र हैं. उन्होंने कहा कि अगर पीएम ईमानदार हैं तो लोकपाल की नियुक्ति क्यों नहीं कर रहे?
इसके लिए लिए बार-बार सरकार को सुप्रीम कोर्ट की डांट क्यों पड़ रही. उन्होंने कहा कि मुख्य सतर्कता और सूचना आयुक्त की नियुक्ति पर कोर्ट को फटकार क्यों लगानी पड़ी? नोटबंदी के बाद करोड़ों के घपले प्रकाश में आ रहे. कोई जांच नहीं बैठी है.
अगर कांग्रेस के कार्यकाल में घोटाले हुए तो फिर आज तक मोदी सरकार ने कितने घोटालेबाजों को जेल भिजवाया, उसे बताना चाहिए. उन्होंने कहा कि हकीकत यह है कि अगर भ्रष्टाचार की जांच करनेवाली संस्थाओं जिन्हें मोदी सरकार ने पंगु बना रखा है. अगर उनका हाथ खोल दिया जाये तो मोदी सरकार आजादी के बाद की सबसे भ्रष्ट सरकार साबित होगी .
लेकिन, किसानों और गरीबों का हाल जानने नहीं गये. उन्होंने कहा कि मजदूर और देहाड़ी मजदूर कहां से डिजिटल पेमेंट लेंगे, जो रोज कमाते हैं और खाते हैं उनकी हालत कैसे सुधरेंगी, यह भाजपा और सुशील मोदी को बताना चाहिए.