केंद्रीय विद्यालय खोलने के लिए बिहार सरकार नहीं दे रही जमीन : उपेंद्र
पटना. नोटबंदी से देश की सीरत और सूरत बदल रही है, किंतु कांग्रेस और राजद इस पर लगातार राजनीति कर रही हैं. दोनों दलों को नोटबंदी पर राजनीति करने से बाज आना चाहिए, नहीं तो देश की जनता उन्हें माफ नहीं करेगी. राजद-कांग्रेस को उक्त मशविरा रविवार को केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री व रालोसपा […]
पटना. नोटबंदी से देश की सीरत और सूरत बदल रही है, किंतु कांग्रेस और राजद इस पर लगातार राजनीति कर रही हैं. दोनों दलों को नोटबंदी पर राजनीति करने से बाज आना चाहिए, नहीं तो देश की जनता उन्हें माफ नहीं करेगी. राजद-कांग्रेस को उक्त मशविरा रविवार को केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री व रालोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कही. वे पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि बिहार में विधि व्यवस्था की स्थिति लगातार बिगड़ रही है. सच कहूं, तो उनके हाथों से लॉ एंड ऑर्डर का मामला कब का निकल चुका है.
यही वजह है कि पिछले कुछ माह से उन्होंने ‘सुशासन’ की बात करनी छोड़ दी है. उन्होंने कहा की सीएम को बिहार के विकास की कोई फिक्र नहीं है. केंद्र सरकार बार-बार सूबे में केंद्रीय विद्यालय खोलने के लिए सरकार से भूमि उपलब्ध कराने को कह रही है, किंतु बिहार सरकार ने कान में तेल डाल रखा है. भला इस रवैये से बिहार में शिक्षा की बदहाली कैसे दूर होगी? उन्होंने कहा कि बिहार में अधिकतर स्कूल शिक्षक विहीन हैं. सरकारी स्कूलों में न किताबें और न कोई लैब है. अब सरकार ने नया फरमान जारी किया है कि जिन स्कूलों में 60 प्रतिशत से कम मैट्रिक का रिजल्ट होगा, उन पर कार्रवाई होगी. यह फैसला सरकार एक साल पहले लेती, तो छात्र और जो भी शिक्षक बचे हैं, उसी के मुताबिक परीक्षा का तैयारी करते.