एक ही बोर्ड फिर भी सैलरी अलग-अलग, ऐसा क्यों

सीबीएसइ ने मान्यता प्राप्त स्कूलों को चिट्ठी भेज कर मांगा जवाब पटना : एक ही बोर्ड के अंतर्गत आनेवाले स्कूलों के टीचर्स की सैलरी अलग-अलग क्यों है. हर स्कूलों में सैलरी का स्ट्रक्चर एक जैसा क्यों नहीं है. टीचर्स की सैलरी उनके योग्यता के अनुसार कम और अधिक हो सकती है. लेकिन, स्कूल के अनुसार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 26, 2016 7:22 AM
सीबीएसइ ने मान्यता प्राप्त स्कूलों को चिट्ठी भेज कर मांगा जवाब
पटना : एक ही बोर्ड के अंतर्गत आनेवाले स्कूलों के टीचर्स की सैलरी अलग-अलग क्यों है. हर स्कूलों में सैलरी का स्ट्रक्चर एक जैसा क्यों नहीं है. टीचर्स की सैलरी उनके योग्यता के अनुसार कम और अधिक हो सकती है. लेकिन, स्कूल के अनुसार बदल नहीं सकता है. यह तमाम प्रश्न सीबीएसइ ने स्कूलों ने पूछा है. सीबीएसइ ने तमाम स्कूलों से टीचर्स को दी जानेवाली सैलरी स्ट्रक्चर की जानकारी मांगी हैं. बोर्ड के अनुसार कई टीचर्स ने सीबीएसइ के पास सैलरी को लेकर शिकायत की थी. इसको लेते हुए सीबीएसइ ने स्कूलों को पूरी जानकारी देने का निर्देश दिया है.
क्वालिटी एजुकेशन पर पड़ रहा असर : एक ही स्कूल में शिक्षकों के बीच सैलरी का अंतर है. एक ही योग्यता वाले एक शिक्षक को एक स्कूल में
20 से 25 हजार रुपये मिलते हैं, तो वहीं उसी योग्यतावाले टीचर की सैलरी 10 से 15 हजार रुपये है.
इसका असर अब स्कूल की क्वालिटी एजुकेशन पर पड़ने लगी है. शिक्षकों ने अपनी शिकायत में बोर्ड को बताया है कि पैसे कम मिलने के कारण पढ़ाने में मन नहीं लग रहा है. क्लास बंक तो नहीं करते हैं. लेकिन, छात्रों पर मेहनत नहीं करते है. काम चलाऊ तरीके से स्कूल की स्टडी हो रही है. इसका असर रिजल्ट पर भी पड़ता है.
बोर्ड ने मांगी शिक्षकों की संख्या और योग्यता की जानकारी : स्कूलों को अब सारे शिक्षकों की संख्या उनकी योग्यता के अनुसार सीबीएसइ को उपलब्ध करवानी होगी. इसमें यह बताना होगा कि कितने शिक्षक परमानेंट है और कितने एडहॉक पर स्कूलों ने रखा है.
सीबीएसइ के अनुसार किसी भी टीचर को उनके योग्यता के अनुसार सैलरी देने का प्रावधान बोर्ड में है. लेकिन, अधिकांश स्कूल इस नियम को फॉलो नहीं कर रहे हैं. अपनी मरजी से स्कूल वाले शिक्षकों की सैलरी
तय करते हैं.

Next Article

Exit mobile version