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पूर्व के आवंटियों को दीघा स्कीम में नहीं मिलेगी रियायत
पटना : दीघा के 1024 एकड़ में दीघा स्कीम 2014 लागू रहेगी. नगर विकास व आवास बोर्ड के माध्यम से बिहार राज्य आवास बोर्ड की स्कीम के अनुरूप 1024 एकड़ में से 400 एकड़ का मुआवजा देकर टाउनशिप के लिए जगह तैयार करना और राजीव नगर की तरफ 600 एकड़ में पौने सात लाख प्रति […]
पटना : दीघा के 1024 एकड़ में दीघा स्कीम 2014 लागू रहेगी. नगर विकास व आवास बोर्ड के माध्यम से बिहार राज्य आवास बोर्ड की स्कीम के अनुरूप 1024 एकड़ में से 400 एकड़ का मुआवजा देकर टाउनशिप के लिए जगह तैयार करना और राजीव नगर की तरफ 600 एकड़ में पौने सात लाख प्रति कट्ठा की दर से शुल्क लेकर क्षेत्र के निर्माण को नियमित करने की राज्य सरकार की स्कीम भी वैध रहेगी.
हाइकोर्ट ने भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2014 के आलोक में पूर्व के आवंटियों की चुनौती को खारिज कर दिया है. जिन लोगों ने पूर्व में आवंटन या बुकिंग करायी थी, फिर आवास बोर्ड की ओर से कागज पर उनको जगह भी आवंटित कर दी गयी थी, लेकिन जमीनी तौर पर उनका कब्जा नहीं हुआ था, अब कोर्ट ने दीघा स्कीम में उनका दावा खारिज कर दिया है.
कोर्ट के आदेश के बाद उनको दीघा स्कीम में नये भागीदार के अनुसार ही भाग लेना होगा. पूर्व में आवंटन के आलोक में उनको इस स्कीम में लाभ नहीं मिलेगा.
भूमि-अधिग्रहण 2014 का कानून नहीं होगा प्रभावी : कोर्ट के आदेश के बाद राज्य सरकार की दीघा स्कीम जारी रहेगी, लेकिन 27 नवंबर, 2013 के बाद खरीद-बिक्री करनेवाले या पावर ऑफ अॅर्टानी के तहत जमीन लेनेवाले लोगों को भी स्कीम का लाभ नहीं मिलेगा. कोर्ट के आदेश के बाद केंद्रीय भूमि-अधिग्रहण कानून, 2014 दीघा मामले में प्रभावी नहीं होता है, क्योंकि दीघा अधिग्रहण को सुप्रीम कोर्ट ने 1984 में ही वैध ठहराया था.
तमाम विवादों के बाद भी बिहार राज्य आवास बोर्ड दीघा स्कीम व नियमावली को लागू करने में सुस्त पड़ गया है. दीघा एक्ट का प्रकाशन राज्य सरकार के गजट वर्ष 2010 में प्रकाशित हुआ था. इसके बाद 27 नवंबर, 2013 में नगर विकास और आवास विभाग ने इसकी अधिसूचना प्रकाशित की. इसके बाद सितंबर, 2014 में दीघा स्कीम लागू की गयी.
फिर आवास बोर्ड ने तीन तरफ के फाॅर्म प्रकाशित
कर मुआवजा, सेटलमेंट और पूर्व के आवंटियों को राशि देने की कार्रवाई को शुरू की. इस प्रक्रिया में क्षेत्र में 90 फीसदी लोगों ने भाग नहीं लिया.
हालांकि, मुआवजा के लिए लगभग 150 और राजीव नगर क्षेत्र में सेटलमेंट के लिए 45 से अधिक लोगों ने फाॅर्म जमा किया था. अब लगभग दो वर्ष बीतने के बाद भी आवास बोर्ड अभी तक न ही किसी को मुआवजा दे पाया है और न ही राशि लेकर किसी भी निर्माण को नियमित करने की प्रक्रिया फाइनल हुई है.
राशि की कमी दूर होगी, फिर पूरी होगी दीघा स्कीम : दीघा स्कीम को लागू करने में देरी के सवाल पर आवास बोर्ड के अधिकारी ने राशि के अभाव का कारण बताया. बोर्ड के सचिव बताते हैं कि दीघा के 400 एकड़ में से लगभग 100 एकड़ जमीन को आवास बोर्ड विभिन्न सरकारी एजेंसियों को देने की तैयारी में है. रेट से लेकर अन्य कानूनी प्रक्रिया लगभग फाइनल हो चुकी है. इस आवंटन के बाद आवास बोर्ड को लगभग 1000 करोड़ का लाभ मिलेगा. फिर बोर्ड उस पैसे से दीघा स्कीम को पूरा करेगा.
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