सभी जिलों में बनेगी आधुनिक वधशाला
पटना : राज्य के सभी जिलों में आधुनिक वधशाला का निर्माण किया जाना है. नगर विकास एवं आवास विभाग ने 27 जिलों के जिलाधिकारियों से जमीन की मांग की है. वर्तमान में राज्य के महज पांच शहरों में ही 51 वधशालाएं हैं. इसमें दरभंगा में चार, पूर्णिया में 27, जोगबनी में 14, गया में तीन […]
पटना : राज्य के सभी जिलों में आधुनिक वधशाला का निर्माण किया जाना है. नगर विकास एवं आवास विभाग ने 27 जिलों के जिलाधिकारियों से जमीन की मांग की है. वर्तमान में राज्य के महज पांच शहरों में ही 51 वधशालाएं हैं. इसमें दरभंगा में चार, पूर्णिया में 27, जोगबनी में 14, गया में तीन और फुलवारीशरीफ में तीन वधशालाएं शामिल हैं. वधशालाओं के निर्माण को लेकर राज्य वधशाला कमेटी का भी निर्णय है कि जहां-तहां मांस की बिक्री नहीं हो. इसके लिए हर जिले में आधुनिक वधशाला का निर्माण कराया जाये. आधुनिक वधशाला निर्माण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने 2013 में ही आदेश दिया था.
नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव चैतन्य प्रसाद ने फरवरी 2015 में ही जिलाधिकारियों से जमीन उपलब्ध कराने को लेकर पत्र लिखा था. इसके अलावा राज्य के सभी 141 नगर निकायों में आधुनिक वधशाला निर्माण के लिए पत्र लिखा गया है. अभी तक पशुओं और पक्षियों के मांस की बिक्री खुले में की जा रही है.
लक्ष्मी नारायण मोदी बनाम भारत सरकार के मामले में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा राज्य वधशाला कमेटी ने सभी जिला मुख्यालयों में एक आधुनिक वधशाला निर्माण का निर्णय लिया है. इसके आलोक में बुडको द्वारा फिजिबिलिटी स्टडी रिपोर्ट के अनुरूप जिला मुख्यालय में आधुनिक वधशाला निर्माण के लिए भूमि चिह्नित कर रिपोर्ट देने का निर्णय किया है.
इसके पहले भी नगर विकास एवं आवास विभाग ने दिसंबर 2014 में सभी नगरपालिकाओं के नगर आयुक्तों और नगर कार्यपालक पदाधिकारियों को वधशाला के नियंत्रण तथा संचालन के लिए रेगुलेशन निर्माण का निर्देश दिया था. उसमें भी उस रिट याचिका का हवाला दिया गया था. इसके लिए हर निकाय को आमजनों को नगर में स्वच्छ तथा स्वस्थ्य वातावरण में पशु उत्पाद मिल सके. निकायों को यह अधिकार नगरपालिका अधिनियम 2007 के तहत भी बनाने का अधिकार है.
पटना नगर निगम ने पशु मांस, मछली या कुक्कुट विक्रय अनुज्ञप्ति विनियम 2014 का निर्माण किया है. इसकी शर्त है कि नगरपालिका पदाधिकारी या इसके लिए प्राधिकृत व्यक्ति द्वारा दिये गये लाइसेंस के बिना मानव खाद्य के लिए आयातित व्यापार करने वाले कसाई, मत्स्य व्यापारी, कुक्कुटवाला, पशु मांस का आयातकर्ता को लेकर कोई व्यक्ति व्यापार नहीं करेगा. बिना लाइसेंस या प्रावधान का पालन कर पशु मांस की बिक्री पर दो हजार रुपये का अर्थदंड के साथ जब्ती की कार्रवाई की जायेगी.
लाइसेंस के लिए शर्त यह है कि कोई भी व्यक्ति पशु से प्राप्त मांस की बिक्री या बिक्री की नुमाइश तब तक नहीं करेगा जब तक कि मुख्य नगरपालिका पदाधिकारी या उनके द्वारा प्राधिकृत पदाधिकारी द्वारा सामान्य आदेश से इस आशय का मुहर पशु मांस पर न लगी हो. इसके लिए मुख्य नगरपालिका पदाधिकारी द्वारा व्यावसाय के परिसर का निरीक्षण किया जायेगा. सफाई निरीक्षक द्वारा समय-समय पर इसका निरीक्षण किया जायेगा. अभी तक नगर निकायों द्वारा इस दिशा में पहल नहीं की गयी है.