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सौ गांव बनेंगे क्लाइमेट स्मार्ट

पहल. जलवायु परिवर्तन के खतरे से निबटने की तैयारी साझा अनुभव को किसानों के बीच ले जाया जायेगा, ताकि किसान जलवायु परिवर्तन से निबटने के अनुभव का उपयोग कर सकें. पटना : राज्य में जलवायु परिवर्तन से कृषि को बचाने के लिए सरकार मुकम्मल तैयारी करने जा रही है. इसके तहत विभिन्न विभागों द्वारा अलग-अलग […]

पहल. जलवायु परिवर्तन के खतरे से निबटने की तैयारी
साझा अनुभव को किसानों के बीच ले जाया जायेगा, ताकि किसान जलवायु परिवर्तन से निबटने के अनुभव का उपयोग कर सकें.
पटना : राज्य में जलवायु परिवर्तन से कृषि को बचाने के लिए सरकार मुकम्मल तैयारी करने जा रही है. इसके तहत विभिन्न विभागों द्वारा अलग-अलग तैयारी की बजाय अब समेकित रूप से तैयारी होगी.
समन्वय की जिम्मेवारी एशियन डिजास्टर प्रिपेयर्डनेस सेंटर को दिया गया है. आपदा प्रबंधन विभाग की निगरानी में चल रहा यह सेंटर राज्य सरकार की जलवायु परिवर्तन से निबटने की कार्ययोजना, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, पूर्वी क्षेत्र, राज्य और केंद्र सरकार के कृषि विश्वविद्यालयों की कार्ययोजना के साथ-साथ एशिया महादेश के देशों में जलवायु परिवर्तन से निबटने के लिए हो रहे प्रयासों का समन्वय करेगा. इसके तहत राज्य में सौ गांवों का चयन किया जायेगा.
साझा अनुभव को किसानों के बीच ले जाया जायेगा, ताकि किसान जलवायु परिवर्तन से निबटने के अनुभव का उपयोग कर सके. इसके लिए आपदा प्रबंधन, कृषि, आइसीएआर, पूर्वी क्षेत्र समेत जलवायु परिवर्तन के लिए काम करने वाले विभागों और संस्थानों की छह दिसंबर को बामेती में बैठक होगी.
कृषि विभाग के अधिकारी ने बताया कि मूल रूप से किसानों को क्लाइमेट स्मार्ट खेती की जानकारी दी जायेगी. जिसमें किसानों को ऐसे बीज उपलब्ध कराये जायेंगे जो जलवायु परिवर्तन की परेशानी में भी बेहतर उत्पादन देगा.
अधिकारी ने बताया कि जलवायु परिवर्तन के कारण ही कई जिलों के फसल चक्र बदल गये हैं. जिसमें बक्सर में धान की खेती होती थी, अब यहां मक्का की खेती होने लगी है. नौगछिया में केला की खेती व्यापक पैमाने पर होती थी, अब यहां केला की खेती कम और मक्का की खेती अधिक होने लगा है. राज्य के ऐसे कई जिले हैं जहां किसानों को पुरानी खेती को छोड़ मौसम के अनुसार खेती का चयन करना पड़ा है. अधिकारी ने बताया कि छोटे स्तर पर ही सही पर किसानों के बीच पारंपरिक खेती के लिए मक्का, मड़ुआ, सामा, कौनी, बाजरे आदि की खेती को राज्य सरकार ने भी बढ़ावा दी है.
राज्य में जलवायु परिवर्तन की संकट से बचने के लिए राज्य सरकार एक सौ गांव को क्लाइमेट स्मार्ट गांव बनायेगी. क्लाइमेट स्मार्ट गांव के लिए केंद्र और राज्य सरकार ने अब तक तीन सौ करोड़ रुपये स्वीकृत कर चुकी है. इसमें केंद्र सरकार ने 250 करोड़ और राज्य सरकार ने 50 करोड़ रुपये दिया है.
जलवायु परिवर्तन से निबटने की तैयारी कर रहे बामेती के निदेशक गणेश राम ने कहा कि गावों के चयन की तैयारी चल रही है. ऐसे क्लाइमेट स्मार्ट गांव में लोगों पर जलवायु परिवर्तन की वजह से होने वाली परेशानी कम होगा. जलवायु परिवर्तन के असर को कम करने के साथ-साथ लोगों को बदलते जलवायु में बने रहने की बुनियादी सुविधा और प्रशिक्षण दिया जायेगा.

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