- आयकर विभाग ने बिहार और झारखंड के इन संदिग्ध खातों को चिन्हित कर शुरू कर दी छानबीन
- इससे पहले एक करोड़ से ज्यादा जमा होने वाले 1785 संदिग्ध बैंक खातों चल रही जांच
- दोनों बैंक खातों को मिलाकर बिहार और झारखंड के 3549 एकाउंट आयकर के रडार पर
- अब तक की जांच में कई एकाउंट में गलत तरीके से पैसे के लेन-देन का मामला हो चुका उजागर
कौशिक रंजन/पटना
नोटबंदी के बाद बिहार में आयकर विभाग के रडार पर संदिग्ध बैंक खातों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. आयकर विभाग ने इस बार 1764 नये संदिग्ध एकाउंट को चिह्नित किया है. इन खातों में नोटबंदी की घोषणा के बाद से दो लाख से ज्यादा और एक करोड़ रुपये तक जमा हुए हैं. बिहार और झारखंड के इन खातों में कुछ ऐसे भी हैं, जिनमें एक करोड़ से ज्यादा रुपये भी जमा हुए हैं. ये रुपये कई बार में थोड़ी-थोड़ी मात्रा में भी डाले गये हैं या एक बार में ही मोटी रकम जमा कर दी गयी है. इससे पहले भी आयकर विभाग ने 1785 ऐसे बैंक एकाउंट को चिह्नित कर रखा है, जिनमें एक करोड़ से ज्यादा रुपये जमा किये गये हैं. इनकी जांच पहले से ही चल रही है. इस तरह बिहार और झारखंड में कुल संदिग्ध बैंक खातों की संख्या बढ़कर 3549 हो गयी है, जिनकी जांच चल रही है. इसके अलावा दो लाख से ज्यादा रुपये जमा होने वाले 681 जनधन योजना के संदिग्ध बैंक खातों की जांच अलग से चल रही है.
खुलने लगे हवाला या मनी लाउंड्रिंग के मामले
आयकर विभाग के रडार पर पहले से जो 1785 बैंक एकाउंट हैं, उनकी जांच तेजी से चल रही है. इसमें अब तक करीब दो दर्जन ऐसे बैंक एकाउंट पकड़े गये हैं, जिनमें हवाला या मनी लाउंड्रिंग के जरिये पैसे के लेन-देन के मामले सामने आये हैं. जिन बैंक खातों में मनी लाउंड्रिंग के मामले सामने आये हैं, उन्हें आयकर ने आगे की जांच के लिए इडी (प्रवर्तन निदेशालय) को ट्रांसफर कर दिया है. कुछ मामले सीबीआइ को भी ट्रांसफर किये गये हैं. प्रवर्तन निदेशालय (इडी) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के पास ट्रांसफर हुए मामलों की संख्या लगभग 15 है. नोटबंदी के बाद संदिग्ध बैंक खातों में जांच के दौरान राज्य में हवाला लेन-देन के मामले भी उजागर हो रहे हैं. आगे की जांच में कई हवाला ऑपरेटर भी सामने आ सकते हैं, जिनका लिंक दूसरे राज्यों से जुड़ा है.
हवाला के जरिये जिलों से मंगायी गई बड़ी रकम
आयकर की जांच में हवाला और मनी लाउंड्रिंग से जुड़ा सबसे हालिया मामला पटना सिटी के मच्छरहट्टा स्थित व्यापारी नीतीश सिकरिया का है. इनके पास विको टरमरिक का राज्य स्तरीय सीएनएफ भी है. जांच में यह बात सामने आयी कि इन्होंने रक्सौल समेत कुछ अन्य जिलों से हवाला के जरिये पैसे मंगवाये. फिर करीब अपने पांच-छह एकाउंट में आठ करोड़ रुपये डाल दिये. इसकी कोशिश थी कि इन रुपये को यह अपने सेल के रुपये के तौर पर आयकर को दिखा दे, लेकिन ऐसा हो नहीं सका. इससे पहले गया के टेक्सटाइल मिल मालिक मोती बाबू समेत कुछ अन्य के मामले सामने आ चुके हैं. मनी लाउंड्रिंग के मामले में इनके खिलाफ पीएमएलए (प्रीवेंशन ऑफ मनी लाउंड्रिंग एक्ट) के तहत कार्रवाई करने के लिए इडी को केस ट्रांसफर किया गया है.
बेनामी संपत्ति एक्ट के तहत हो सकती कार्रवाई
देश में 1 नवंबर से बेनामी संपत्ति एक्ट लागू कर दिया गया है. केंद्र की तरफ से इससे संबंधित अधिसूचना जारी होने के बाद अब आयकर विभाग यह तैयारी कर रहा है कि किसी हवाला या मनी लाउंड्रिंग या बेनामी खाते में लेन-देन के मामले पकड़ में आने के बाद इनके खिलाफ बेनामी एक्ट के तहत कार्रवाई की जा सके. इसमें संबंधित व्यक्ति के सभी बैंक खाते या संपत्ति जब्त की जा सकती है. इसकी तैयारी आयकर विभाग ने तकरीबन कर ली है.