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नोटबंदी के 49वें दिन लालू ने फेसबुक पर लिखी चिट्ठी, पीएम मोदी से पूछे ये 22 सवाल…

पटना : बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री एवं राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने नोटबंदी के 49वें दिन शुक्रवार को सोशल साइट्स फेसबुक पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर सवालों की झड़ी लगा दी. उन्होंने फेसबुक पर लिखे पत्र में आठ नवंबर को नोटबंदी से पहले प्रधानमंत्री मोदी द्वारा दिये गये भाषण का उल्लेख करते […]

पटना : बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री एवं राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने नोटबंदी के 49वें दिन शुक्रवार को सोशल साइट्स फेसबुक पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर सवालों की झड़ी लगा दी. उन्होंने फेसबुक पर लिखे पत्र में आठ नवंबर को नोटबंदी से पहले प्रधानमंत्री मोदी द्वारा दिये गये भाषण का उल्लेख करते हुए कहा है कि नोटबंदी लागू करते समय आपने देश को यह बताया था कि थोड़ी सी असुविधा, वह भी सिर्फ सीमित समय के लिए झेलने के कारण, इस तथाकथित भ्रष्टाचार विरोधी कदम के कारण न सिर्फ भ्रष्ट आचरण पर सदा के लिए लगाम लगेगा, बल्कि नकली नोट, हवाला रैकेट, आतंकवाद, नक्सलवाद इत्यादि पर भी सदा के लिए नकेल कस दी जायेगी. शुरू के दिन से जनता तकलीफ को सह रही है.

पत्र में लालू ने लिखा है कि प्रधानमंत्री जी, आपने अपने पद की गरीमा नहीं रखी. बिना सोचे विचारे, बिना उपयुक्त विमर्श किये, एक निरंकुश शासक की भांति आवेश में आकर, जैसे-तैसे गुजर-बसर करती अर्थव्यवस्था, देश के निम्न वर्ग को और महंगाई की मार झेल रहे मध्यम वर्ग को अपने तुगलकी फरमान के हवाले कर दिया. जनता त्राहिमाम करती रही और आप झूठे सर्वे और ठहाकों से जनता की तकलीफों को झुठलाते रहे. लोग अव्यवस्था और बदइंतजामी से मरते रहे और आप रोज नियम बदलते रहे. आपने स्थिति सामान्य होने के लिए पचास दिन का समय मांगा था और आज आखिरी दिन हैं, हालात जस की तस दयनीय बने हुए हैं.

लालू ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि आप 50 दिन बाद हालात ना सुधरने की सूरत में खुद को बीच चौराहे पर सजा देने की बात कह रहे थे. अपनी इस बात पर आपके टिकने की कोई संभावना भी नहीं है, क्योंकि फिर अमित शाह बोल देगा, वो तो भाषण को वजनदार बनाने के लिए मोदी ने ऐसा बोला था. फिलहाल के लिए देश को निम्नलिखित बिंदुओं पर ही जवाब दे दें, तो इस त्रस्त जनमानस पर बड़ी मेहरबानी होगी.

लालू के ये 22 सवाल

  1. कितने लाख करोड़ का काला धन, इस कदम के कारण पकड़ा गया है?
  2. नोटबंदी के कदम के बाद विदेशों से कितना कालाधन देश में वापस आया है?
  3. नोटबंदी से देश की गरीब जनता को ख़ासी तकलीफ हुई. क्या अब आप देशवासियों को निर्धारित समय सीमा दे सकते हैं, जब तक उनके खातों में 15-15 लाख रुपये जमा हो जाएंगे? स्पष्ट बताओ कब 15 लाख आयेगा?
  4. नोटबंदी के ठीक पहले के तीन महीनों में देश भर के बैंक खातों में जमा होने वाले पैसा अचानक बेवजह भारी उछाल देखा गया. जमा होने वाले ये तीन लाख करोड़ रुपये किसके थे और इनमें 25 लाख से अधिक जमा करने वाले लोग कौन थे? उनके नाम सावर्जनिक करो.
  5. इससे अर्थव्यवस्था को कितने लाख करोड़ का सीधा-सीधा नुकसान हुआ है?
  6. अर्थव्यवस्था का वृद्धि दर और विकास दर आपके इस कदम से कितना प्रतिशत घट जायेगा?
  7. यह तो सर्वविदित है कि विश्वभर में भारतीय अर्थव्यवस्था के बारे में नकारात्मक संदेश गया है. FDI के रूप में आने वाले धनराशि में कितनी गिरावट आने की संभावना है?
  8. संगठित और असंगठित क्षेत्र से सरकारी अनुमान के अनुरूप कितने करोड़ मजदूर और कामगार, स्थायी व अस्थायी रूप से रोज़गार से हाथ धो बैठे है और धो बैठेंगे?
  9. कृषि क्षेत्र और गरीब किसानों के स्वावलंबन को लगे जोरदार झटके से उबरने में कितना समय लग जाएगा? और इसके लिए सरकार की कोई योजना है?
  10. नोटबंदी के कारण लघु, कुटीर, मध्यम व बड़े आकार के, हर क्षेत्र के उद्योगों का भारी नुकसान हुआ है. सबसे अधिक नुकसान किन उद्योगों का हुआ है और उन्हें वापस अपने पांवों पर खड़ा होने में कितना समय लगेगा? और इसके लिए सरकार की क्या योजना है?
  11. काम व रोज़गार के अभाव में कितने करोड़ मजदूर अपने गांवो को लौटने में विवश हुए? गांवों में इनके लिए रोजगार के अवसर पैदा करने और लगातार दरकिनार किए मनरेगा में पुनः जान फूंकने में सरकार को कितना समय लगेगा?
  12. प्रत्यक्ष रूप से सैंकड़ों लोग इस नोटबंदी की भेंट चढ़ चुके हैं. अप्रत्यक्ष रूप से लगभग कितने लोगों की इस कारण जान जाने का अनुमान है? पीड़ित परिवारों की मदद और हर्जाने के लिए सरकार की क्या योजना है?
  13. बैंकों में सरकारी अनुमान से कहीं ज्यादा जमा कर दिया गया. इस तरह से काले धन को सफेद कर लिये जाने का सरकार पूर्वानुमान क्यों नहीं लगा पायी?
  14. कितने काले कारोबारी इस कदम के कारण पकड़े गये? उनसे कितने रकम की उगाही हो पायी?
  15. नोटबंदी का कदम उठाने से पहले क्या अर्थशास्त्रियों से विचार-विमर्श किया गया गया था? वे कौन-कौन से अर्थशास्त्री थे? और उनकी इस संदर्भ में क्या राय थी?
  16. नोटबंदी का कदम उठाने से पहले क्या सरकार ने सचमुच 6 महीनों तक तैयारी की थी? अगर हां, तो इस कदम के बाद हर समय सरकार असमंजस में क्यों दिखी? हर रोज नये नियम की जरूरत क्यों पड़ी?
  17. अचानक नोटबंदी में सरकार द्वारा कालाधन सफेद करने के लिए निकाली गयी फिफ्टी-फिफ्टी योजना का कितने और किन-किन भ्रष्ट लोगों ने लाभ उठाया? सरकार उनके नाम कब सार्वजनिक करेगी?
  18. 2000 के बड़े नोट को जारी करने के पीछे सरकार की क्या मंशा थी?
  19. जब लोगों को सीमित संख्या में ही 2000 के नोट वितरित हो रहे थे, इतनी बड़ी संख्या में करोड़ों के नये नोट कई लोगों के पास क्यों पकड़े गये? स्वाभाविक है इससे कई गुणा अधिक घोटालेबाज तो पकड़े ही नहीं गये होंगे!
  20. जितने मूल्य के नोट नोटबंदी के कारण बेकार हो गये, उन्हें अर्थव्यवस्था में वापस डालने के लिए इन नोटों की छपाई का काम कब तक चलते रहने की उम्मीद है?
  21. देश को बताओ कितने करोड़ के नकली नोट पकड़ाये गये या बचे? और नये नोट छापने का कुल खर्चा कितना होगा?
  22. किसानों और गरीबों को बर्बाद करने में आपको कौन सा मानसिक सुख प्राप्त हुआ?
  23. आशा है जनता को इन सब सवालों का जवाब देंगे.

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