दलाईलामा ने बोधगया में बच्चों को बताये खुशहाल जीवन जीने के गुर
गया : बौद्ध धर्म के धार्मिक गुरु दलाईलामा ने शनिवार को बोधगया के कालचुक्र मैदान में बच्चों को खुशहाल जीवन जीने के गुर बताये. बच्चों को जीवन की खुशहाली का गुर बताते हुए धार्मिक गुरु दलाईलामा ने कहा कि आतंरिक मूल्यों पर ध्यान केंद्रित करना होगा. तभी लोगों के जीवन में उन्नति और खुशहाली आयेगी. […]
गया : बौद्ध धर्म के धार्मिक गुरु दलाईलामा ने शनिवार को बोधगया के कालचुक्र मैदान में बच्चों को खुशहाल जीवन जीने के गुर बताये. बच्चों को जीवन की खुशहाली का गुर बताते हुए धार्मिक गुरु दलाईलामा ने कहा कि आतंरिक मूल्यों पर ध्यान केंद्रित करना होगा. तभी लोगों के जीवन में उन्नति और खुशहाली आयेगी.
दलाईलामा ने कहा कि आज हम सभी नयी शताब्दी में जीवन व्यतीत कर रहे हैं. यह आप सभी की जिम्मेदारी है कि इस नयी सदी को बेहतर बनाएं. उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को हमेशा करुणा, मैत्री और प्रेम का सहारा लेकर जीवन में निरंतर आगे बढ़ते रहना चाहिए. क्रोध मानव का सबसे बड़ा शत्रु है, इसलिए सबसे पहले इसी का त्याग करना चाहिए.
बोधगया के कालचक्र मैदान में आयोजित कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान बौद्ध धर्म के धार्मिक गुरु दलाईलामा ने बच्चों से कई सवाल भी किये. यह कार्यक्रम इंटर रिलीजियस फ्रेंडशिप एसोसिएशन द्वारा न्यू इंलाईटेंड वर्ल्ड सोसाइटी की ओर से आयोजित किया गया था. कार्यक्रम की शुरुआत में मगध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो डॉ इश्तियाक ने धर्म गुरु दलाईलामा को सम्मानित भी किया.