लालू के बेटों को सुशील मोदी की सलाह, कहा- छाया से बाहर निकले नहीं तो बंशी ही बजाते रह जायेंगे

पटना :बिहारके पूर्व उपमुख्यमंत्रीएवं भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने आज राजद प्रमुख लालू प्रसाद को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि उन्हें भी अपने नेतृत्व के खिलाफ बेटों के बगावत करने का डर जरुर लगना चाहिए, जैसा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने पिता मुलायम सिंह यादव के साथ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 3, 2017 6:07 PM

पटना :बिहारके पूर्व उपमुख्यमंत्रीएवं भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने आज राजद प्रमुख लालू प्रसाद को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि उन्हें भी अपने नेतृत्व के खिलाफ बेटों के बगावत करने का डर जरुर लगना चाहिए, जैसा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने पिता मुलायम सिंह यादव के साथ किया है. लालू प्रसाद के बड़े बेटे तेज प्रताप के यहां हाल ही में बांसुरी बजाते तस्वीर खिंचवाये जाने का जिक्र करते हुए सुशील मोदी ने कहा कि राजद प्रमुख के बेटों को अवश्य ही पार्टी का नेतृत्व अपने हाथों में लेकर अपने पिता के साये से बाहर निकलना चाहिए, अन्यथा वे शेष जीवन बांसुरी बजाते रह जायेंगे.

सुशील मोदी ने अपने आधिकारिक आवास पर जनता दरबार से इतर संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुझे महसूस हो रहा है कि लालू को भी अपने बेटों, उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव और स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव, से जरुर डर लगना चाहिए. उन्हें अपने नेतृत्व के खिलाफ बेटों के बगावत कर देने का डर लगना चाहिए.” उन्होंने कहा कि राजद प्रमुख ने सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव और उनके मुख्यमंत्री बेटे अखिलेश यादव के बीच सपा के नेतृत्व के विषय पर मध्यस्थता कर अपनी उंगलियां जला ली हैं. यह सब उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले हुआ है.

भाजपा नेता ने कहा कि इसके बजाय लालू प्रसाद को सिरदर्द मिल गया है क्योंकि उनके मंत्री पुत्र भी उनके साथ ऐसा कर सकते हैं. भाजपा के वरिष्ठ नेता ने यह भी कहा कि अपने पिता के साये से बाहर निकलने की इच्छा होने पर लालू के बेेटे उप्र के मुख्यमंत्री से प्रेरणा लेते हुए राजद का नेतृत्व हथिया सकते हैं. चारा घोटाला के मामले में दोषी ठहराये जाने के बाद लालू की छवि दागदार हुई थी.

सिखों के 10वें गुरु गोविंद सिंह की 350वीं जयंती पर पटना में चल रहे प्रकाश पर्व पर उन्होंने कहा कि केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने इस उत्सव को लेकर विभिन्न बुनियादी ढांचे के लिए 41. 53 करोड़ रुपया मुहैया कराया है. इस अवसर पर देश विदेश से लाखों की संख्या में सिख श्रद्धालु पटना में उमड़े हैं.

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