पटना : पंजाब में जन्मे अमरजीत सोही कनाडा सरकार में इंफ्रास्ट्रक्चर एंड कम्युनिकल मंत्री हैं और इस नाते वह ‘वाइब्रेंट गुजरात’ में वीआइपी अतिथि होंगे. इस कार्यक्रम का आयोजन नौ से 12 जनवरी तक अहमदाबाद में किया गया है. सोही इसलिए चर्चा में हैं, क्योंकि करीब 28 साल पहले उन्हें बिहार में खालिस्तानी आतंकवादी और नक्सली मान कर गिरफ्तार किया गया था. वह करीब 21 माह तक गया सेंट्रल जेल में बंद रहे. रिहाई तक हुई जब देश के मानवाधिकार संगठनों, बुद्धिजीवियों और एमनेस्टी इंटरनेशनल ने इसमें दखल दी.
सोही इस बार भारत में न केवल सरकारी अतिथि होंगे, बल्कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात करनेवाले हैं. हालांकि इसके पहले भी वह 2003 में एक बार भारत आये थे. 1964 में पंजाब के संगरुर में जन्मे अमरजीत भारतीय मूल के कनाडाई नागरिक हैं. 1981 में वह अपने बड़े भाई के बुलावे पर कनाडा चले गये, जो पहले से वहां रहते थे. हालांकि 1988 में वह फिर भारत लौटे. तब तक पंजाब में खालिस्तान आंदोलन चरम पर था. सिख चरमपंथ और राज्य प्रायोजित हिंसा के खिलाफ लेखकों, कलाकारों का संगठन सक्रिय हो रहा था.
अमरजीत पंजाब के प्रसिद्ध नाटककार गुरुशरण सिंह के संगठन के साथ जुड़ कर सक्रिय हो गये. वह दौर बिहार में भूमि आंदोलन का भी था. एक नाट्य टीम पंजाब लेखक संघ के साथ अमरजीत नवंबर, 1988 में जहानाबाद जिले के आजादबिगहा गांव पहुंचे. यहां लोक संग्राम मोरचा के नेतृत्व में भूमि आंदोलन से जुड़े कार्यकर्ताओं की बैठक और नाटक का आयोजन था. किसी ने यह बात पुलिस तक पहुंचा दी कि गांव में बाहर से बड़ी संख्या में नक्सली आये हैं.
पुलिस ने छापा मारा और अमरजीत गिरफ्तार किये गये. पूछताछ में अमरजीत ने बताया कि वे पंजाबी हैं और कनाडा में रहते हैं, तो पुलिस ने तुरंत अपने वरीय अधिकारियों को खबर दी. पटना में डीजीपी ने बाजाप्ता प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि जहानाबाद में कनाडा के एक खालिस्तानी आतंकी को गिरफ्तार किया गया है, जो नक्सलियों की मीटिंग में आया था.
अमरजीत पर टाडा के तहत मुकदमा चला. उन्हें गया सेंट्रल जेल में कड़ी सुरक्षा में रखा गया. 2015 में कनाडा के एक अखबार को दिये इंटरव्यू में अमरजीत ने कहा था, गिरफ्तारी के बाद मुझे एक सप्ताह तक स्थानीय थाने में रख कर प्रताड़ित किया गया. मुझे महिला डीएम ने बचाया जिन्होंने मेरी बात पर भरोसा किया. तब जाकर मुझे कोर्ट में पेश किया गया. मुकदमा बंद कमरे में हुआ. यह दीगर है कि पुलिस ने कभी चार्ज शीट दाखिल नहीं किया.
अखबारों में खबर छपी कि मैं कनाडा का आतंकी हूं और नक्सलियों को ट्रेनिंग देने बिहार आया था. सोही ने गया जेल में भी सुविधाओं की मांग को लेकर भूख हड़ताल की थी. नौ जुलाई, 1990 को कोर्ट ने उन्हें रिहा कर दिया.
कनाडा में मंत्री हैं अमरजीत सोही
कनाडा की राजनीति में भी सोही को जगह अथक संघर्ष से मिली. उन्होंने कनाडा में बस चलायी. फिर काउंसलर का चुनाव जीते. जिसके बाद उन्होंने लिबरल पार्टी के टिकट पर संसद का चुनाव लड़ा और 92 मतों से जीते. कनाडा के जस्टिन सरकार में सिख समुदाय के तीन मंत्री हैं.