पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज कहा कि उनकी पार्टी जदयू आगामी 23 जनवरी को नोटबंदी की समीक्षा करेंगे और तब वे उसके बारे में टिप्पणी करेंगे. मुख्यमंत्री सचिवालय में आज मीडिया से नीतीश ने प्रधानमंत्री के साथ मेल-मिलाप और उनके द्वारा 350वें प्रकाश पर्व के सफल आयोजन और शराबबंदी को लेकर प्रशंसा किए जाने को भाजपा से बढ़ती निकटता की अटकलों के बारे में सीधे तौर पर कोई टिप्पणी करने के बजाय कहा कि यह आपका चीजों को देखने का अंदाज है. प्रकाश पर्व के सामाजिक कार्यक्रम में कोई राजनीतिक चर्चा नहीं हुयी.
नोटबंदी का नीतीश ने समर्थन किया था, जिसके 50 दिन पूरा होने पर उसके परिणामों की समीक्षा करने की घोषणा में देरी के बारे में उन्होंने कहा कि इसको लेकर अटकले लगाये जाने का कोई बिंदु नहीं है क्योंकि उन्होंने पूर्व में कह दिया था कि उनकी प्राथमिकता प्रकाश पर्व और उसके बाद बौद्ध धर्मावलंबियों की कालचक्र पूजा और आगामी 21 जनवरी को शराबबंदी के पक्ष में लोगों द्वारा अपना संकल्प दोहराने के लिए बनायी जाने वाली मानव श्रृंखला है.
उन्होंने कहा कि इन कार्यक्रमों के आयोजन के बाद महागठबंधन के तीनों घटक दलों की एक बैठक आगामी 23 जनवरी को आयोजित की जायेगी. जिसमें पूरा मंत्रिमंडल मौजूद रहेगा तथा उसी दिन शाम में जदयू की कोर कमेटी कालेधन पर प्रहार के लिए 500 रुपये और 1000 रुपये के नोट पर लगायी गयी रोक के परिणामों की समीक्षा करेगी.
नीतीश ने कहा कि इसके बाद हमलोग आगामी 24 जनवरी को महान समाजवादी नेता कर्पूरी ठाकुर की जयंती मनाएंगे. कर्पूरी जयंती सहित इन कार्यक्रमों के बाद वे नोटबंदी को लेकर मीडिया के सभी प्रश्नों का जवाब देंगे. राजद प्रमुख लालू प्रसाद के उस दावे कि नीतीश कुमार उनके साथ हैं और नोटबंदी की आगामी 30 दिसंबर के बाद समीक्षा करेंगे के बारे में पूछे जाने पर नीतीश ने कहा कि वे सही कह रहे हैं, हम साथ हैं और इसी कारण से सरकार चल रही है और बिहार में महागठबंधन मजबूती से लोगों की सेवा कर रहा है.
प्रधानमंत्री के बिहार में शराबबंदी की प्रशंसा किए जाने पर नीतीश ने शराबबंदी ने राज्य में समाज परिवर्तन की बुनियाद डाली है. उन्होंने अपील की कि शराबबंदी के पक्ष में अपने संकल्प को दोहराने के लिए आगामी 21 जनवरी को बनायी जाने वाली मानव श्रृंखला में सभी दलों के लोग एकजुट होकर शामिल हों.