12 जिलों की जमीन का तैयार किया जायेगा डिजिटल रेकॉर्ड

पटना : राजस्व व भूमि सुधार विभाग जमीन विवाद के मामले को कम करने के लिए जमीन के सारे रेकॉर्ड को डिजिटल अपडेट करने में जुट गया है. विभाग ने हवाई फोटोग्राफी से नक्शा मिलने के बाद लखीसराय, बेगूसराय, खगड़िया, सहरसा, मधेपुरा, सुपौल, पूर्णिया, किशनगंज, कटिहार, अररिया, नालंदा व शेखपुरा जिले में सभी जमीन का […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 11, 2017 7:25 AM
पटना : राजस्व व भूमि सुधार विभाग जमीन विवाद के मामले को कम करने के लिए जमीन के सारे रेकॉर्ड को डिजिटल अपडेट करने में जुट गया है. विभाग ने हवाई फोटोग्राफी से नक्शा मिलने के बाद लखीसराय, बेगूसराय, खगड़िया, सहरसा, मधेपुरा, सुपौल, पूर्णिया, किशनगंज, कटिहार, अररिया, नालंदा व शेखपुरा जिले में सभी जमीन का रेकॉर्ड अपडेट करने का दो साल में निर्णय लिया है.
अपडेट होने वाले जमीन के रेकॉर्ड से यह पता चल जायेगा कि कौन सी जमीन सरकारी व कौन निजी है. बहुत सारे सरकारी जमीन पर लोगों ने कब्जा कर अपना आशियाना खड़ा कर लिया है. ऐसी जमीन की पहचान हो जायेगी. ऐसी जमीन जिस पर पहले से नहर, पइन आदि बने था, उसे भर कर लोगों द्वारा अपनी जमीन में मिलाने की तहकीकात होगी. सारे जमीन का रेकॉर्ड तैयार होने पर उसका सत्यापन होने के बाद कंप्यूटराइजेशन होगा. विभागीय सूत्रों ने बताया कि वास्तविक जमीन को लेकर दो पक्षों में होनेवाले विवाद के निबटारे में जमीन का तैयार रेकॉर्ड कारगर होगा.
जमीन का मिला नक्शा : राज्य के लखीसराय, बेगूसराय, खगड़िया, सहरसा, मधेपुरा, सुपौल, पूर्णिया, किशनगंज, कटिहार, अररिया, नालंदा व शेखपुरा जिले की जमीन की हवाई फोटोग्राफी से नक्शा मिल गया है.
राज्य के राजस्व ग्राम के मानचित्र का काम पूरा होने के साथ उसकासत्यापन कराया गया है. अब जमीन के सारे रेकॉर्ड तैयार किये जाने की
प्रक्रिया शुरू होगी. इसमें सरकारी व निजी जमीन के बारे में पूरा ब्योरा होगा. जमीन का रेकॉर्ड तैयार होने से यह पता चलेगा कि सरकारी जमीन पर कितना अवैध कब्जा है. निजी जमीन में वास्तविक हकदार, कितनी जमीन, जमीन की लगान राशि आदि का भी पता चलेगा.

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