जदयू ने शुरू की संक्रांति की तैयारी, दही-चूड़ा के भोज में भाजपा को खास तौर से किया आमंत्रित
पटना : बिहार में राजनीतिक पार्टियों ने संक्रांति भोज की तैयारी शुरू कर दी है. इसी कड़ी में जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने दही-चूड़ा के भोज में भाजपा को भी खास तौर से आमंत्रित किया है. जिसको लेकर सियासी चर्चा तेज हो गयी है. दरअसल, बिहार में महागठबंधन के मुख्य दल जदयू […]
पटना : बिहार में राजनीतिक पार्टियों ने संक्रांति भोज की तैयारी शुरू कर दी है. इसी कड़ी में जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने दही-चूड़ा के भोज में भाजपा को भी खास तौर से आमंत्रित किया है. जिसको लेकर सियासी चर्चा तेज हो गयी है.
दरअसल, बिहार में महागठबंधन के मुख्य दल जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह द्वारा 15 जनवरी को चूड़ा-दही भोज कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. इस कार्यक्रम में जदयू की ओर सेभाजपा को भी न्योता दिया गया है. वशिष्ठ नारायण सिंह ने आज पत्रकारों से बातचीत में कहा है कि भाजपा नेताओं को दही-चूड़ा के भोज पर बुलायेंगे.उन्होंने कहा कि भाजपाकेसाथजदयूकासामाजिकजुड़ावरहा है. संभावना जतायी जा रही है किवशिष्ठ नारायण सिंह ने यह घोषणा जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सहमति मिलने के बाद ही की है.
वशिष्ठ के घर पर भोज का आयाेजन
इस कार्यक्रम के लिए जदयू के प्रदेश अध्यक्षवशिष्ठ नायारण के घर तैयारियां शुरू कर दी गयी हैं. भोज के लिए चूड़ा भागलपुर, भोजपुर और बेतिया से मंगवाया गया है.वहीं दही भी काफी मात्रा में लायी गयी है. इसके साथ ही सब्जी मिठाई का भी इंतजाम किया गया है. बता दें कि हर वर्षवशिष्ठ नारायण सिंह की ओर से आयोजित किए जाने वाले इस भोज में चूड़ा, दही, तिलकुट, मिठाई और सब्जी की व्यवस्थारहती है.
भाजपा को नहीं कोई जानकारी
उधर, प्राप्त जानकारी के अनुसार भाजपा की बिहार इकाई के अध्यक्ष ने कहा कि फिलहाल ऐसा कोई आमंत्रण मिला नहीं है और उन्हें भी यह जानकारी सिर्फ मीडिया के जरिए मिल रही है. साथ ही उन्होंने भोज में सम्मिलित होने या होने की बात पर कहा कि निमंत्रण मिलने पर यह फैसला लिया जायेगा.
मालूम हाे कि मकर संक्रांति के अवसर पर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के घर पर भी भोज का आयोजन होता है. इस साल भी लालू ने सबको मीडिया के माध्यम से निमंत्रण भेजा है.चर्चा है कि नीतीशकुमार अपने भोज के पहले लालू यादव के घर जाएंगे. अभी तक यही परिपाटी रही है कि नीतीश के भोज में सत्ता के सहयोगी शामिल होते हैं और लालू के भोज में उनके राजनैतिक मित्र. राजनैतिकप्रेक्षकों की मानें तो यह पहली बार है कि राजनैतिक विरोधी को भी भोज में आमंत्रित किया गया है.