2017 में कालाजार से मुक्त होगा बिहार

गुड न्यूज : मुफ्त दवा के साथ मरीजों को मिलेगी छह हजार रुपये की सहायता पटना : पोलियो उन्मूलन के बाद इस साल बिहार अब कालाजार से भी मुक्त हो जायेगा. 31 दिसंबर तक राज्य से कालाजार उन्मूलन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. राज्य कालाजार उन्मूलन की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 14, 2017 7:24 AM
गुड न्यूज : मुफ्त दवा के साथ मरीजों को मिलेगी छह हजार रुपये की सहायता
पटना : पोलियो उन्मूलन के बाद इस साल बिहार अब कालाजार से भी मुक्त हो जायेगा. 31 दिसंबर तक राज्य से कालाजार उन्मूलन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. राज्य कालाजार उन्मूलन की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है. वर्ष 2016 में राज्य में एक भी कालाजार के रोगी की मौत नहीं हुई है.
2016 में राज्य में 4496 लोग बालू-मक्खी के काटने से कालाजार से आक्रांत हुए थे. कालाजार उन्मूलन को लेकर पटना में 2 सितंबर, 2014 को भारत सरकार के तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री डाॅ हर्षवर्धन ने भारत से कालाजार उन्मूलन का लक्ष्य 2015 निर्धारित किया था. बाद में इस लक्ष्य को आगे बढ़ा दिया गया है. इधर राज्य सरकार की ओर से राज्य से कालाजार उन्मूलन को लेकर कई तरह के कार्यक्रम चलाये गये हैं.
कालाजार प्रभावित क्षेत्रों में बालू-मक्खी पर नियंत्रण के लिए दवाओं का छिड़काव किया गया है. साथ ही कालाजार मरीजों के मुफ्त इलाज की व्यवस्था प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों से लेकर मेडिकल काॅलेज अस्पतालों तक उपलब्ध करायी गयी है. सबसे बड़ी बात है कि इस बीमारी को ठीक करने के लिए सिंगल डोज दवा भी उपलब्ध हो गयी है. एंबिसोम नामक दवा से मेडिकल काॅलेज अस्पताल, जिला अस्पताल और कुछ चुने गये प्राथमिक केंद्र में सिंगल डोज से कालाजार मरीजों का इलाज किया जा रहा है. कालाजार मरीजों को बीमारी के बाद कमजोरी होने से रोजगार छिन जाता था. इस समस्या का निदान भी राज्य सरकार ने निकाल दिया है. अब सिंगल डोज दवा से मरीजों को एक ही दिन अस्पताल में भरती होना पड़ता है.
प्रदेश में मुख्यमंत्री कालाजार राहत योजना चलायी गयी है. कालाजार रोगियों को अस्पताल में एक-दो दिन ही भरती होना पड़ता है. इलाज के दौरान मरीज काफी कमजोर हो जाता है. मरीज को रिकवरी होने में एक महीने का समय लगता है. मुख्यमंत्री कालाजार राहत योजना से उसे एक माह की दैनिक मजदूरी 200 रुपये प्रतिदिन के अनुसार छह हजार रुपये दी जा रही है. साथ ही मरीज को अस्पताल लानेवाले को दो दिन की मजदूरी मिलती है.

Next Article

Exit mobile version