कानपुर रेल हादसे में पाकिस्तान के हाथ होने का शक, ISI से पैसे लेकर ट्रेन को बनाया था निशाना
मोतिहारी : बिहार के पूर्वी चंपारण जिला पुलिस ने आज तीन ऐसे अपराधियों को धर दबोचा जिन्होंने स्वीकारा है कि वे रेल को निशाना बनाने के लिए आइएसआइ से संदिग्ध तौर पर संबंध रखने वाले पड़ोसी देश नेपाल के एक नागरिक के लिए काम करते थे. पूर्वी चंपारण जिला के पुलिस अधीक्षक जितेंद्र राणा ने […]
मोतिहारी : बिहार के पूर्वी चंपारण जिला पुलिस ने आज तीन ऐसे अपराधियों को धर दबोचा जिन्होंने स्वीकारा है कि वे रेल को निशाना बनाने के लिए आइएसआइ से संदिग्ध तौर पर संबंध रखने वाले पड़ोसी देश नेपाल के एक नागरिक के लिए काम करते थे. पूर्वी चंपारण जिला के पुलिस अधीक्षक जितेंद्र राणा ने आज यहां पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि आदापुर थाना क्षेत्र से गिरफ्तार कियेगये इन अपराधियों में मोती पासवान, उमा शंकर पटेल और मुकेश यादव शामिल हैं.
पूछताछ के दौरान गिरफ्तार अपराधियों ने स्वीकारा कि पूर्वी चंपारण जिला के घोडासाहन में एक रेल पटरी को उड़ाने के लिए बम लगाने के वास्ते आइएसआइ से जुड़े ब्रजेश गिरी नामक एक नेपाली नागरिक ने उन्हें तीन लाख रुपये दिये थे. पुलिस अधीक्षक ने बताया कि उक्त पटरी पर लगायेगये बम को ग्रामीणों की मदद से विस्फोट होने के पूर्व बरामद कर लिया गया था तथा उसे निष्क्रिय कर दिया गया था.
उन्होंने कहा कि इन तीनों की गिरफ्तारी हालांकि पूर्वी चंपारण जिला में हुई है, पर कई अन्य नेपाल के तिलैया में गिरफ्तार किए गये थे. राणा ने बताया कि दो अन्य अपराधी गजेंद्र शर्मा और राकेश यादव की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है, जो पूर्व चंपारण जिला में छुपे हुए हैं. मोती पासवान और उसके दो अन्य सहयोगियों पेशेवर अपराधी हैं और इनकी एक दर्जन से अधिक अपराधिक मामलों में संलिप्तता रही है.
राणा ने बताया कि एटीएस और अन्य सुरक्षा एजंसियों को इन अपराधियों द्वारा कियेगये खुलासे से सूचित कर दिया गया है तथा इनकी कानपुर रेल हादसे सहित अन्य स्थानों पर हुए रेल हादसों में संलिप्तता रही है. इस बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए उनसे और भी पूछताछ की जा रही है.
उल्लेखनीय है नेपाल से सटे बिहार के पूर्वी चंपारण जिला के रक्सौल से ही अगस्त 2013 में इंडियन मुजाहिदीन के प्रमुख यासिन भटकल को गिरफ्तार किया गया था.