अब पैसे के अभाव में नहीं रुकेंगी योजनाएं
पटना: विकास योजनाओं को अब धरातल पर उतारना आसान हो जायेगा. राशि निकासी को लेकर जो फाइल इधर-से-उधर दौड़ायी जाती थी, उस पर रोक लगा दी गयी है. अब सिर्फ योजना एवं विकास विभाग की सहमति लेकर राशि निकाली जा सकती है. पहले योजना प्राधिकृत समिति की मंजूरी के बाद योजना विभाग फाइल जाती थी, […]
पटना: विकास योजनाओं को अब धरातल पर उतारना आसान हो जायेगा. राशि निकासी को लेकर जो फाइल इधर-से-उधर दौड़ायी जाती थी, उस पर रोक लगा दी गयी है. अब सिर्फ योजना एवं विकास विभाग की सहमति लेकर राशि निकाली जा सकती है. पहले योजना प्राधिकृत समिति की मंजूरी के बाद योजना विभाग फाइल जाती थी, वहां समीक्षा के बाद अनुमति मिलती थी.
हिसाब देने में लगता था समय
विकास योजनाओं के लिए अधिकारी राशि तो निकाल लेते थे, लेकिन हिसाब देने में वर्षो लग जाते थे. नतीजा यह होता था कि बड़ी राशि का डीसी बिल महालेखाकार कार्यालय को नहीं मिलता था. केंद्रीय योजना में खर्च का उपयोगिता प्रमाणपत्र का हिसाब समय पर नहीं भेजा ज‘ता था, परिणाम यह होता था कि इंदिरा आवास जैसी महत्वपूर्ण योजनाओं की द्वितीय किस्त की राशि मिलने में विलंब हो जाता था.
सरकार ने यह व्यवस्था कर दी है कि राशि निकासी के समय ही अधिकारियों को बताना होगा कि वह कब डीसी बिल और उपयोगिता प्रमाणपत्र दे देंगे. तय समय में खर्च का हिसाब नहीं देने पर जिम्मेवार अधिकारियों पर कार्रवाई भी हो सकती है.