शराब फैक्टरियों को बंद करने का फैसला विपक्ष की जीत
पटना. पूर्व उपमुख्यमंत्री व वरिष्ठ भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि भाजपा तथा सहयोगी दलों के दबाव में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आखिरकार झुकना पड़ा . उन्हें शराब की फैक्टरियों को बंद करने का फैसला करना पड़ा. यह विपक्ष की जीत है. जिसके फलस्वरूप शराब की 21 फैक्टरियों के लाइसेंस का नवीकरण […]
पटना. पूर्व उपमुख्यमंत्री व वरिष्ठ भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि भाजपा तथा सहयोगी दलों के दबाव में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आखिरकार झुकना पड़ा . उन्हें शराब की फैक्टरियों को बंद करने का फैसला करना पड़ा. यह विपक्ष की जीत है.
जिसके फलस्वरूप शराब की 21 फैक्टरियों के लाइसेंस का नवीकरण अब नहीं होगा. मुख्यमंत्री को 21 जनवरी की मानव शृंखला से पहले नये शराबबंदी कानून के तालिबानी प्रावधानों को समाप्त करने की घोषणा भी करनी चाहिए. शराब बरामद होने पर परिवार के सभी व्यस्कों को जेल,सम्पत्ति जब्ती और सामूहिक जुर्माना लगाने जैसे प्रावधानों को हटाने पर सर्वदलीय बैठक में सहमति बनी थी. सवा महीने बाद भी मुख्यमंत्री चुप्पी साधे हुए हैं. मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार ने पहली अप्रैल 2016 से आंशिक शराबबंदी लागू की, तब भाजपा ने पूर्ण शराबबंदी की मांग की थी.
इसके दबाव में पांच दिन बाद उन्होंने पूर्ण शराबबंदी तो लागू कर दी, लेकिन शराब फैक्टरियों पर रोक नहीं लगायी. एक तरफ पूर्ण शराबबंदी और दूसरी तरफ फैक्टरियों से विदेशी शराब का उत्पादन जारी रहा.