इन 5 सेटेलाइट कैमरों से होगी मानव श्रृंखला की फोटोग्राफी, जानें कैसे ?
रविशंकर उपाध्याय पटना : बिहार में नशामुक्ति के समर्थन में आयोजित होनेवाली विशाल मानव शृंखला की तसवीरें भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का वही सेटेलाइट कैद कर रहा है, जिसने पीओके में सर्जिकल स्ट्राइक की तसवीरें ली थीं. इसरो का कार्टोसैट वन और टू नामक सेटेलाइट शनिवार को सीतामढ़ी से गया के बीच अपने पाथ […]
रविशंकर उपाध्याय
पटना : बिहार में नशामुक्ति के समर्थन में आयोजित होनेवाली विशाल मानव शृंखला की तसवीरें भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का वही सेटेलाइट कैद कर रहा है, जिसने पीओके में सर्जिकल स्ट्राइक की तसवीरें ली थीं. इसरो का कार्टोसैट वन और टू नामक सेटेलाइट शनिवार को सीतामढ़ी से गया के बीच अपने पाथ पर सुबह 9.30 बजे से लेकर 10.30 बजे तक तसवीरें कैद करेगा. कार्टोसैट टू सेटेलाइट ने पीओके में भारतीय सेना द्वारा किये गये सर्जिकल स्ट्राइक की तसवीरें कैद की थीं. इसरो ने पिछले साल जून में पीएसएलवी-सी 34 के जरिये एक साथ जिन 20 उपग्रहों को अंतरिक्ष में प्रक्षेपित कर इतिहास रचा था, उनमें कार्टोसेट-2 सीरीज के सेटेलाइट भी शामिल थे.
एक क्लिक में 25 किमी चौड़ाई में कैद करता है तसवीर
इसरो के चार सदस्यों की टीम इसे लेकर शुक्रवार को पटना के गांधी मैदान में पहुंच कर यहां की तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटी रही. इस टीम में इसरो मुख्यालय के दो सदस्य और कोलकाता रीजनल ऑफिस के दो सदस्य शामिल हैं. टीम की अगुआई कर रहे इसरो के वैज्ञानिक एसएफपी कृष्णैया ने बताया कि कार्टोसैट सेटेलाइट एक क्लिक में 25 किमी की चौड़ाई की तसवीरें कैद करता है और यदि यह लगातार तसवीर कैद करता रहे, तो पूरे ग्लोब की तसवीर 20 दिनों में पूरा कैद कर लेगी. इसके अलावे एक विदेशी सेटेलाइट 12.15 बजे से एक बजे के बीच मानव शृंखला की तसवीरें कैद करेगा.
क्या है कार्टोसैट सेटेलाइट
कार्टोसैट सेटेलाइट इसरो के अपना सेटेलाइट है और इन सेटेलाइटों का मुख्य मकसद धरती की हाइ रिजॉल्यूशन इमेज तैयार करना है. कॉर्टोसैट में खास तरह के कैमरे लगे हैं, जो भारत में जमीन पर होनेवाले किसी भी वानस्पतिक या भूगर्भीय परिवर्तन की बारीकी से पहचान करता है. पहला कार्टोसेट उपग्रह कार्टोसैट-1 जो श्रीहरिकोटा में नव निर्मित दूसरा लॉन्च पैड से 2005 में पीएसएलवी-सी 6 द्वारा लांच किया गया था. दूसरा 2016 में जून में लांच हुआ.