सवा दो माह में 450 करोड़ खर्च करने की चुनौती

2017-18 में पीएचइडी का लगभग दो हजार करोड़ का होगा बजट पटना :पीएचइडी का अगले वित्तीय साल में लगभग दो हजार करोड़ का बजट होगा. सरकार के सात निश्चयों में शामिल हर घर नल का जल योजना के तहत पाइप से घरों में पानी पहुंचाने पर काम करने के लिए विभाग ने बजट में बढ़ोतरी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 21, 2017 6:55 AM
2017-18 में पीएचइडी का लगभग दो हजार करोड़ का होगा बजट
पटना :पीएचइडी का अगले वित्तीय साल में लगभग दो हजार करोड़ का बजट होगा. सरकार के सात निश्चयों में शामिल हर घर नल का जल योजना के तहत पाइप से घरों में पानी पहुंचाने पर काम करने के लिए विभाग ने बजट में बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया है. विभाग ने चालू वित्तीय वर्ष में जलापूर्ति योजनाओं पर कुल बजट का 65 फीसदी राशि खर्च की है. अब बाकी के सवा दो महीने में 35 फीसदी करीब साढ़े चार सौ करोड़ रुपये खर्च करने की चुनौती है. चालू वित्त वर्ष में विभाग का योजना मद में 1335 करोड़ का बजट है. विभाग दूषित पानी प्रभावित इलाके में घर-घर स्वच्छ पानी पहुंचाने पर काम कर रहा है. इसके अलावा पहले से जिन टोले में जलापूर्ति योजनाओं पर काम हो रहा है उसे पूरा करेगा. विभाग द्वारा अगले वित्तीय वर्ष में लगभग 3000 टोले में घर-घर पाइप से पानी पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है. इसमें फलोराइड, आयरन व आर्सेनिक प्रभावित इलाके हैं.
राज्य में राज्य में 13 जिले में आर्सेनिक, 11 जिले में फ्लोराइड व नौ जिले में आयरन की मात्रा अधिक पायी जाती है. आर्सेनिक प्रभावित सारण, वैशाली, समस्तीपुर, दरभंगा, बक्सर, भोजपुर, पटना, बेगूसराय, खगड़िया, लखीसराय, मुंगेर, भागलपुर, कटिहार शामिल है. फ्लोराइड प्रभावित कैमूर, रोहतास, औरंगाबाद, गया, नालंदा, शेखपुरा, जमुई, बांका, मुंगेर, भागलपुर व नवादा शामिल है. आयरन प्रभावित सुपौल, अररिया, किशनगंज, सहरसा, पूर्णिया, कटिहार, मधेपुरा, बेगूसराय व खगड़िया है.
कुल बजट 1754 करोड़ : विभाग ने चालू वित्तीय वर्ष में कुल बजट का 65 फीसदी राशि खर्च की है. विभाग ने जलापूर्ति योजनाओं पर लगभग 870 करोड़ राशि खर्च की है. चालू वित्तीय वर्ष में विभाग का कुल बजट 1754 करोड़ है. इसमें योजना मद में 1335 करोड़ व गैर योजना मद में 419 करोड़ शामिल हैं. सरकार के सात निश्चयों में शामिल हर घर नल का जल योजना में विभाग चालू वित्तीय वर्ष में लगभग दो हजार टोले में घर-घर पाइप से पहुंचाने पर काम शुरू करने का निर्णय लिया था. अब तक 600 टोले में काम शुरू हो गया है. चार सौ टोले में काम शुरू करने के लिए टेंडर की प्रक्रिया जारी है.
विभिन्न योजनाओं पर हो रहा है काम : विभाग द्वारा स्वच्छ पानी उपलब्ध कराने के लिए विभिन्न जलापूर्ति योजनाओं पर काम हो रहा है. इसमें केंद्र सरकार की योजना के साथ राज्य सरकार की योजना भी है. केंद्र सरकार की योजना में केंद्र व राज्य दोनों की हिस्सेदारी होती है. केंद्र प्रायोजित राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल की व्यवस्था के लिए राज्य सरकार को अनुदान के रूप में राशि दी जाती है. इसके अलावा मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल योजना, ग्रामीण पाइप जलापूर्ति योजना, मिनी पाइप जलापूर्ति योजना, बहुग्रामीय पाइप जलापूर्ति योजना शामिल हैं.

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