मनमोहन वैद्य पर आगबबूला हुए लालू, कहा- शायद कुछ धुलाई रह गयी थी जो अब यूपी करेगा

पटना : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से ऐन पहले आरक्षण का मुद्दा एक बार फिर गरमा गया है. आरएसएस के प्रवक्ता मनमोहन वैद्य के आरक्षण को लेकर दिये गये बयान के बाद राजनीतिक दलों ने इसे हाथों-हाथ लपक लिया है और सभी पार्टियां बीजेपी पर हमलावर हो गयी हैं. इतना ही नहीं, कांग्रेस ने तो […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 21, 2017 8:05 AM

पटना : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से ऐन पहले आरक्षण का मुद्दा एक बार फिर गरमा गया है. आरएसएस के प्रवक्ता मनमोहन वैद्य के आरक्षण को लेकर दिये गये बयान के बाद राजनीतिक दलों ने इसे हाथों-हाथ लपक लिया है और सभी पार्टियां बीजेपी पर हमलावर हो गयी हैं. इतना ही नहीं, कांग्रेस ने तो पीएम मोदी को सामने आकर जवाब देने को कहा है, वहीं राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने पीएम मोदी सहित आरएसएस पर भी जोरदार हमला बोला है. लालू ने ट्वीट के जरिये कहा है कि आरक्षण किसी की खैरात नहीं है. लालू ने कहा कि आरक्षण एक संविधान प्रदत अधिकार है. आरएसएस जैसे जातिवादी संगठन की खैरात नहीं. इसे छीनने की बात करने वालों को औकात में लाना मेरे वर्गों को आता है.

लालू ने इस मुद्दे पर पीएम मोदी को भी लपेटे में ले लिया. लालू ने ट्वीट कर लिखा कि मोदी जी आपके आरएसएस प्रवक्ता आरक्षण पर फिर अंट-शंट बक रहे हैं. बिहार में रगड़-रगड़ के धोया, शायद कुछ धुलाई बाकी रह गयी थी, जो अब यूपी जमकर करेगा. लालू ने कहा कि आरएसएस को पहले अपने घर में लागू 100 फीसदी आरक्षण की समीक्षा करें. कोई गैर-सवर्ण पिछड़ा, दलित व महिला आजतक संघ प्रमुख क्यों नहीं बने हैं ? बात करते हैं.

गौरतलब हो कि आरएसएस के प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्य ने कहा था कि आरक्षण पर नये सिरे से विचार करना चाहिए और सभी समुदाय के लिये करना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि हमारा समाज इतना पिछड़ा क्यों है और गरीब, अशिक्षित क्यों है, इसे देखना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा था कि एससी और एसटी के लिये अलग से अधिकार दिये गये हैं. उनको बहुत समय से संसाधनों से दूर रखा गया है. इसलिए उनको शक्ति देने के लिये मान समान अवसर देने के लिये आरक्षण की व्यवस्था की गयी है. जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि आरक्षण बहुत दिनों तक देना सही नहीं है. यह अलगाववाद को बढ़ावा देने की बात है. तो सबको समान अवसर एक समय के बाद मिलना चाहिए, ये हमारा सोचना है.

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