ट्रेनों में नहीं थम रही अवैध वेंडरों की आवाजाही

वेंडरों का कब्जा सिर्फ जेनरल और स्लीपर कोचों में ही नहीं, बल्कि एसी कोचों में भी पटना : रेल मंडल से खुलने और गुजरनेवाली एक्सप्रेस व सुपरफास्ट ट्रेनों के अलावे पैसेंजर ट्रेनों में बड़ी संख्या में अवैध वेंडरों की आवाजाही होती है. इन वेंडरों का कब्जा सिर्फ जेनरल व स्लीपर कोचों में ही नहीं, बल्कि […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 23, 2017 6:44 AM
वेंडरों का कब्जा सिर्फ जेनरल और स्लीपर कोचों में ही नहीं, बल्कि एसी कोचों में भी
पटना : रेल मंडल से खुलने और गुजरनेवाली एक्सप्रेस व सुपरफास्ट ट्रेनों के अलावे पैसेंजर ट्रेनों में बड़ी संख्या में अवैध वेंडरों की आवाजाही होती है. इन वेंडरों का कब्जा सिर्फ जेनरल व स्लीपर कोचों में ही नहीं, बल्कि एसी कोचों में भी होता है. ये वेंडर खानपान, पीने के पानी और कपड़े भी बेचते हैं और यात्रियों के समान उड़ाने में भी लगे रहते हैं.
इन वेंडरों की वजह से यात्रियों को काफी सतर्क रहने के साथ-साथ परेशानी झेलनी पड़ रही है. परेशान यात्री डिप्टी स्टेशन मास्टर, टीटीइ और आरपीएफ स्कॉट टीम से शिकायत करती है. लेकिन, कार्रवाई कुछ नहीं होती है.
आरपीएफ अधिकारी दावा करते है कि चैन पुलिंग करनेवाले, अवैध वेंडरों, महिला कोच में पुरुष यात्रियों के सफर करने के खिलाफ सख्त अभियान चलाया जा रहा है और कार्रवाई भी की जाती है. आरपीएफ के मुताबिक पिछले वर्ष पूर्व मध्य रेल में छह हजार 318 अवैध वेडरों को गिरफ्तार किया गया. हालांकि, हकीकत कुछ और ही है.
स्थिति यह है कि पंजाब मेल हो या फिर मगध, संघमित्रा, अर्चना, संपूर्ण क्रांति, मुंबई-गुवाहाटी, राजेंद्र नगर-तीनसूकिया आदि एक्सप्रेस ट्रेनों में अवैध वेंडरों का कब्जा हैं. जिसमें बच्चे, बूढ़े और महिला वेंडर शामिल हैं. यह वेंडर बेरोक-टोक ट्रेनों में अपने-अपने सामानों को बेचते-बेचते पटना पहुंच जाते हैं और फिर पटना से अपने-अपने मूल स्टेशन पर लौटते हैं.

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