चतुर्थवर्गीयकर्मी से कम मिलते हैं अध्यक्ष को पैसे

पटना. हाइकोर्ट ने राज्य सरकार को अपने उस आदेश में सुधार करने को कहा है, जिसके तहत राज्य उपभोक्ता अदालतों में प्रेसिडेंट को मात्र 15000 रुपये मासिक दिये जाते हैं. जस्टिस नवनीति प्रसाद सिंह और जस्टिस विकास जैन की कोर्ट ने सोमवार को राज्य उपभोक्ता फोरम में अध्यक्ष के खाली पदों को भरे जाने के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 24, 2017 7:22 AM
पटना. हाइकोर्ट ने राज्य सरकार को अपने उस आदेश में सुधार करने को कहा है, जिसके तहत राज्य उपभोक्ता अदालतों में प्रेसिडेंट को मात्र 15000 रुपये मासिक दिये जाते हैं. जस्टिस नवनीति प्रसाद सिंह और जस्टिस विकास जैन की कोर्ट ने सोमवार को राज्य उपभोक्ता फोरम में अध्यक्ष के खाली पदों को भरे जाने के संबंध में दायर याचिका की सुनवाई के दौरान कहा कि राज्य फोरम के प्रेसिडेंट के पद पर जिला जज स्तर के न्यायिक अधिकारी होते हैं. उन्हें मात्र 15000 रुपये दिये जाते हैं. जबकि, उनके निकट खड़ा रहनेवाले चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी को उनसे अधिक वेतन मिल है. काेर्ट ने छह फरवरी तक अपने प्रावधान में सुधार करने का आदेश दिया.
राजेंद्र नगर अस्पताल नेत्र इलाज के लिए सुपर स्पेशियलिटी घोषित किया गया है. लेकिन, यहां न तो मोतियाबिंद की दवाएं हैं और न ही मरीजों के आंख में लगाने के लिए लेंस मिल रहा है. नतीजतन दूर-दराज से यहां आ रहे आंखों के मरीज विभिन्न सुविधाओं और दवाइयों के लिए बाहर की निजी दुकानों पर निर्भर हैं. यही स्थिति राजवंशी नगर स्थित हड्डी अस्पताल का है. यहां भी हड्डी से संबंधित सर्जरी के अधिकांश इंप्लांट खत्म हो गये हैं.

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