नीट में तीन चांस लिमिट होने से छात्र परेशान
पटना : मेडिकल में कैरियर बनाने वाले छात्रों के लिए नयी घोषणा ने परेशानी में डाल दिया है. नीट के लिए कैंडिडेट्स की उम्र 17 से कम और 25 साल से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. यही नहीं, नीट छात्र अब सिर्फ तीन बार ही एग्जाम दे पायेंगे. इस तरह के नोटिफिकेशन जारी होने के बाद […]
पटना : मेडिकल में कैरियर बनाने वाले छात्रों के लिए नयी घोषणा ने परेशानी में डाल दिया है. नीट के लिए कैंडिडेट्स की उम्र 17 से कम और 25 साल से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. यही नहीं, नीट छात्र अब सिर्फ तीन बार ही एग्जाम दे पायेंगे. इस तरह के नोटिफिकेशन जारी होने के बाद परीक्षार्थियों में हड़कंप मच गया है.
पूरे वर्ष लगातार नीट में सफलता प्राप्त करने को लेकर अध्ययनरत वैसे छात्रों को झटका लगा है, जो एआइपीएमटी या नीट में तीन बार एपीयर हो चुके हैं. जो छात्र तीन बार एपीयर हो चुके हैं और इस बार पुन: एपीयर होने वाले थे, वे तो सदमे में हैं. छात्रों की इन्हीं समस्याओं पर गोल इंस्टीट्यूट की ओर से आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में गोल के मैनेजिंग डायरेक्टर बिपिन कुमार ने कहा कि नीट ने जेनरल कैटेगरी वाले छात्रों के लिए 25 वर्ष रखते हुए इस दौरान तीन चांस देने का फैसला किया है.
रिजर्व कैटेगरी वाले छात्रों को पांच वर्ष एक्सट्रा समय देते हुए अधिकतम 30 वर्ष में तीन चांस देने का निर्णय लिया है. नीट के इस निर्णय के कारण वैसे छात्र जिनका तीन चांस समाप्त हो चुका है, उनका भविष्य अंधकारमय हो गया है. उन्होंने कहा कि इसमें पूर्व जब भी कोई बड़े बदलाव किय गये हैं, उस स्थिति में छात्रों को अंतिम मौके के रूप में एक चांस दिये गये हैं, इसलिए नीट का यह निर्णय जल्दबाजी में लिया गया छात्र विरोधी निर्णय है.
नीट के निर्णय से वैसे छात्रों पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है. अगर नियम में बदलाव लाना ही है, तो इसे अगले वर्ष से लागू कर सकते हैं. इस फैसले से इस बार लगभग तीन लाख स्टूडेंट्स प्रभावित होंगे. वहीं, गोल इंस्टीट्यूट के असिस्टेंट डायरेक्टर रंजय कुमार ने इस फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि छात्रों को कम से कम अंतिम मौके के रूप में इस वर्ष नीट एग्जाम देन की अनुमति दी जानी चाहिए.