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लालू, वशिष्ठ और अशोक चौधरी ने बजट को बताया फालतू, किया विरोध
पटना : राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने पीएम नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप को जुड़आ भाई बताया है. केंद्रीय बजट पर प्रतिक्रिया में उन्होंने कहा कि ट्रंप अमेरिका में क्या कर देंगे, यह किसी को मालूम नहीं है. वहीं, नरेंद्र मोदी भी भारत में क्या कर देंगे, कहना कठिन है. केंद्रीय बजट को फालतू […]
पटना : राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने पीएम नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप को जुड़आ भाई बताया है. केंद्रीय बजट पर प्रतिक्रिया में उन्होंने कहा कि ट्रंप अमेरिका में क्या कर देंगे, यह किसी को मालूम नहीं है. वहीं, नरेंद्र मोदी भी भारत में क्या कर देंगे, कहना कठिन है. केंद्रीय बजट को फालतू बताते हुए उन्होंने कहा कि कि केंद्र सरकार का यह तीसरा बजट है. दो बजट के बाद तो काम दिखना चाहिए था. बजट में कुछ है ही नहीं. आम लोगों के रोटी, कपड़ा व मकान के लिए कुछ नहीं किया है. बिहार के लिए तो इसने कुछ दिया ही नहीं है.
किसानों के लिए कुछ भी नहीं है. बजट को गरीब और बेरोजगारों का विरोधी बताते हुए उन्होंने कहा कि पीएम ने कहा था कि दो करोड़ लोगों को रोजगार देंगे, कहां मिला रोजगार? गंगा की सफाई की बात करते थे, क्या हुआ? ये लोग झाड़ू लगाना क्यों बंद किया? पीएम को निशाना पर लेते हुए प्रसाद ने कहा कि उन्होंने कहा था कि बनारस को जापान का क्वेटो शहर बना देंगे. बनारस को कहा पहुंचा दिया? उन्हाेंने कहा कि बजट में पूर्व की सरकार की योजनाओं के सिर्फ नाम बदल दिये गये हैं.उन्होंने कहा कि केंद्र की सरकार साढ़े तीन साल में गिर जायेगी. केंद्र की सरकार ने रेलवे को बरबाद कर दिया है. अब रेलवे मंत्री की कोई जरूरत ही नहीं रह गयी है.
बिहार के लोगों को निराशा हुई : सिद्दीकी
वित्त मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कहा कि केंद्रीय बजट से बिहार के लोगाें को निराशा हाथ लगी है. इस बजट में बिहार के लिए कुछ भी नहीं है. बजट देखने से समझ में नहीं आ रहा है कि यह डिजिटल बजट है या इ-बजट है. उन्होंने कहा कि चार जनवरी को केंद्रीय वित्त मंत्री ने राज्यों के वित्त मंत्री से बजट के लिए सुझाव मांगा था. हमलोगों ने बिहार जैसे पिछड़े राज्यों के लिए बजट में विशेष प्रावधान की मांग की थी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं है.
बिहार के प्रति सौतेला व्यवहार का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र को बताना चाहिए कि पिछड़े राज्यों के लिए क्या प्रोग्राम है? उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने बिहार को 1.24 लाख करोड़ की पैकेज देने की बात कही थी. कम से कम पीएम जैसे पद की प्रतिष्ठा को कम मत करिये. उन्होंने कहा कि रेल बजट महत्वपूर्ण होता था. लोगों को मालूम होता था कि उन्हें कितना रेल मिला या विकास के अन्य काम रेलवे के माध्यम से किये जायेंगे. इस बजट में पता ही नहीं चला कि रेल के लिए कोई बजट भी है. बिहार को नजरअंदाज करने पर उन्होंने कहा कि इस बजट का दूरगामी असर और बुरा होगा.
केंद्रीय बजट दिशाहीन व निराशाजनक : अशोक
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सह शिक्षा व आइटी मंत्री डाॅ अशोक चौधरी ने बजट को दिशाहीन व निराशाजनक बताया है. उन्होंने कहा कि बिहार की जनता केंद्र में भाजपा सरकार आने के बाद से लगातार आशा भरी निगाहों से राज्य को विशेष दर्जा व विशेष पैकेज की घोषणा का इंतजार कर रही थी. मोदी सरकार के आधा कार्यकाल से अधिक होने के बाद भी बिहार को पिछड़े राज्य का दर्जा नहीं मिला. नरेंद्र मोदी ने आरा की अपनी सभा में बिहार को विशेष पैकेज की घोषणा की थी, उसका भी कोई प्रावधान इस बजट में नहीं किया गया है. बजट में युवाओं के लिए रोजगार के सृजन, किसान, मजदूर व अन्यश्रमिक वर्ग के लिए कोई विशेष प्रावधान नहीं है. नोटबंदी से कितना काला धन उजागर हुआ, इसका कोई खुलासा नहीं है.
दिशाहीन है बजट, बिहार को हुई निराशा : वशिष्ठ
जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि आम बजट दिशाहीन है. किसान, मजदूर और आम लोगों को आशा थी कि महंगाई पर नियंत्रण लगेगा, लेकिन इसके क्या उपाय हैं, दिखायी नहीं देता है. केंद्र सरकार ने हर साल दो करोड़ बेरोजगारों को रोजगार के अवसर देने की बात की थी, लेकिन इस पर भी कुछ नहीं हुआ. बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर को ज्यादा राशि दी गयी है, लेकिन इससे रोजगार पैदा होगा, इसकी कोई गारंटी नहीं है.
इस बजट से बिहार को निराशा मिली है. यह बजट नोटबंदी के बाद पहली बार आया है. काला धन के रूप में कितनी राशि आयी, इसका उजागर भी नहीं किया गया. बजट में कृषि के क्षेत्र पर बात हुई, लेकिन किसी रोडमैप पर चर्चा नहीं की गयी.
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