ग्रामीण चिकित्सकों को मिलेगी ट्रेनिंग

पटना : राज्य भर में काम करनेवाले ग्रामीण चिकित्सकों (सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता) के प्रशिक्षण इस महीने के अंत में शुरू हो जायेगा. प्रशिक्षण के लिए राज्य के कुल 682 अस्पतालों को मान्यता दी गयी है. ग्रामीण चिकित्सकों को 533 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और 149 प्रथम रेफरल यूनिट में प्रशिक्षण दिया जायेगा. राज्य में करीब चार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 4, 2017 6:36 AM
पटना : राज्य भर में काम करनेवाले ग्रामीण चिकित्सकों (सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता) के प्रशिक्षण इस महीने के अंत में शुरू हो जायेगा. प्रशिक्षण के लिए राज्य के कुल 682 अस्पतालों को मान्यता दी गयी है. ग्रामीण चिकित्सकों को 533 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और 149 प्रथम रेफरल यूनिट में प्रशिक्षण दिया जायेगा. राज्य में करीब चार लाख स्वास्थ्य कार्यकर्ता हैं. इन कार्यकर्ताओं को बिहार राज्य स्वास्थ्य समिति और राष्ट्रीय मुक्त विद्यालीय शिक्षा संस्थान (एनआइओएस) द्वारा निर्धारित व मान्यता वाले सेंटरों पर प्रशिक्षण दिया जायेगा.
ग्रामीण चिकित्सकों के राज्य परामर्शदातृ समिति के अध्यक्ष डाॅ एलबी सिंह ने बताया कि पहले बैच में करीब 22 हजार कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया जायेगा. प्रशिक्षण के लिए आवेदन करनेवाले सभी आवेदकों का आइकार्ड का निर्माण शुरू हो गया है. 15 फरवरी तक आइकार्ड भेजने का लक्ष्य रखा गया है.
इस कार्ड पर आवेदक का नाम, पता, प्रशिक्षण सेंटर का कोड और रॉल नंबर के साथ भेजा जायेगा. उसके बाद सभी को राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयीय संस्थान (एनओआइएस) द्वारा तैयार किया गया प्रशिक्षण पुस्तक भेज दी जायेगी. साथ ही सभी जिलों के प्रशिक्षणार्थियों की सूची तैयार की जा रही है. उनको अपने नजदीक के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रशिक्षण की व्यवस्था की गयी है. प्रखंड स्तर पर सूची तैयार की जा रही है. यह सूची जिलों को भेज दी जायेगी. हर सेंटर पर 50-50 को प्रशिक्षण की व्यवस्था की गयी है. इसी सूची के आधार पर हर सेंटर पर प्रशिक्षण दिया जायेगा.
उन्होंने बताया कि राज्य में करीब चार लाख सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता हैं. इन सभी को तीन-चार वर्षों में प्रशिक्षित कर दिया जायेगा. उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण देने का काम किसी गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) को नहीं दिया गया है. सभी को प्रशिक्षण चरण वार दिया जाना है. इसके लिए 5500 रुपये शुल्क एनओआइएस के नाम पर लिया गया है. जिसमें प्रशिक्षण व पाठ्य सामग्री उपलब्ध करायी जायेगी. एक बार प्रशिक्षण आरंभ हो जाने के बाद हर छह माह पर नये बैच को तैयार कर प्रशिक्षण कराया जायेगा.

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