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सात फरवरी को आयोजित होगा बिहार विधानसभा का स्थापना दिवस

पटना : बिहार विधान सभा का स्थापना दिवस समारोह आगामी सात फरवरी को आयोजित किया जायेगा. पिछली बार की तरह इस बार भी सामाजिक एवं मानवीय सरोकार के तहत इच्छुक विधायकगण जरूरतमंद गरीब रोगियों के लिए रक्तदान करेंगे. बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने शनिवार को यहां पत्रकारों को संबोधित करते हुए बताया कि […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 4, 2017 5:14 PM

पटना : बिहार विधान सभा का स्थापना दिवस समारोह आगामी सात फरवरी को आयोजित किया जायेगा. पिछली बार की तरह इस बार भी सामाजिक एवं मानवीय सरोकार के तहत इच्छुक विधायकगण जरूरतमंद गरीब रोगियों के लिए रक्तदान करेंगे. बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने शनिवार को यहां पत्रकारों को संबोधित करते हुए बताया कि आगामी सात फरवरी को बिहार विधान मंडल के विस्तारित भवन में आयोजित किये जाने वाले इस समारोह के दौरान सामाजिक एवं मानवीय सरोकार को मजबूत करने के लिए इस वर्ष भी बिहार विधान मंडल के दोनों सदनों के वर्तमान एवं पूर्व सदस्यों द्वारा सामूहिक रक्तदान किया जायेगा.

उन्होंने बताया कि पिछले बिहार विधानसभा के स्थापना दिवस के अवसर पर 100 से अधिक विधायकों ने समाज के रुग्ण एवं जरूरतमंद लोगों के लिए सामूहिक रक्तदान किया था, जिसे पटना मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (पीएमसीएच) को उपलब्ध कराया गया था. पिछले वर्ष बिहार विधानसभा के स्थापना दिवस के अवसर पर विधायकों द्वारा रक्तदान किये जाने के साथ नवनिर्वाचित विधायकों के प्रबोधन के लिए संसदीय प्रणाली के जानेमाने विशेषज्ञ सुभाष कश्यप और पीसी मल्होत्रा को आमंत्रित किया गया था.

उल्लेखनीय है कि 1912 में बंगाल प्रेसिडेंसी से अलग कर बिहार एवं ओड़िशा को मिलाकर एक नये प्रांत का सृजन किया गया था. इसके पहले लेफ्निेंट गवर्नर जॉन स्टुअर्ट बेली थे. बाद में 1920 में बिहार एवं ओड़िशा प्रांत को गवर्नर का प्रांत का दर्जा किया गया एवं लार्ड सत्येंद्र प्रसाद सिन्हा इसके पहले राज्यपाल नियुक्त किये गये. फिर बिहार एवं ओड़िशा प्रांतीय विधायी निकाय के लिए एक स्वतंत्र भवन के निर्माण की शुरुआत हुई तथा 07 फरवरी, 1921 को इस नये भवन का उद्घाटन तत्कालीन लार्ड सिन्हा के द्वारा किया गया था. इसके साथ ही, इसी दिन सर वाल्टर मोरे की अध्यक्षता में इस भवन में नवगठित विधायी निकाय की पहली बैठक हुई. यह भवन आज बिहार विधान मंडल के मुख्य भवन के रूप में विद्यमान है.

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