पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मशहूर मधुबनी चित्रकार बौउआ देवी द्वारा बनाए गये कमल के एक फूल में रंग भरने से भाजपा और जदयू ने गठबंधन की उपजी किसी प्रकार की अटकलों को इन दोनों दलों ने सिरे से खारिज किया है.
बिहार में राजद और कांग्रेस के साथ सत्तासीन जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मशहूर मधुबनी चित्रकार बौउआ देवी द्वारा बनाए गये कमल के एक फूल में रंग भरने के बाद भाजपा-जदयू गठबंधन को लेकर लगायी जा रही अटकलों को विराम देते हुए कहा ‘‘इसमें कोई मतलब निकाला जाना बेईमानी है.” जदयू प्रवक्ता और बिहार विधानपरिषद सदस्य नीरज कुमार ने कहा, ‘‘यह कोई मुद्दा नहीं है. इसका कोई राजनीतिक अर्थ नहीं निकाला जाना चाहिए.”
नीरज ने कहा कि मुख्यमंत्री पुस्तक मेला हर साल जाते हैं और पटना के गांधी मैदान में कल से शुरु हुए 23वें पुस्तक मेला के उदघाटन के अवसर के अवसर पर उनसे उक्त मधुबनी चित्रकार ने अपनी चित्रकला में रंग भरने का आग्रह किया और उन्होंने उसमें रंग भर दिया. उन्होंने कहा कि जहां तक केसरिया रंग का सवाल है यह राष्ट्रीय झंडा का हिस्सा है. उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने फूल के उपर के हिस्से में रंग भर नीचे अपने हस्ताक्षर किये.
कमल जो कि भाजपा का चुनाव चिन्ह भी है, के राष्ट्रीय प्रवक्ता सैयद शाहनवाज हुसैन ने भी कल बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के फिर से भाजपा के करीब आने की अटकलों से इनकार करते हुए नीतीश के नोटबंदी का समर्थन किये जाने और फिर प्रधानमंत्री के शराबबंदी की प्रशंसा किए जाने का जिक्र करते हुए कहा था कि हमलोगों एक-दूसरे के बेहतर कार्य का समर्थन किया है पर जहां तक गठबंधन की बात है इसको लेकर कोई चर्चा नहीं और नाही इसकी उन्हें कोई जानकारी है.