कमल में रंग भरने वाले सवाल पर नीतीश ने हंसते हुए दी कुछ ऐसी प्रतिक्रिया

पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मधुबनी चित्रकार बौआ देवी द्वारा बनाये गये कमल के एक फूल में रंग भरने के बाद राजनीतिक अटकलों, भाजपा और जदयू के एक बार फिर करीब आने का बाजार गर्म होने को लेकर आज हंसे. आज यहां पत्रकारों ने जब नीतीश द्वारा कमल में रंग भरने को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 6, 2017 7:24 PM

पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मधुबनी चित्रकार बौआ देवी द्वारा बनाये गये कमल के एक फूल में रंग भरने के बाद राजनीतिक अटकलों, भाजपा और जदयू के एक बार फिर करीब आने का बाजार गर्म होने को लेकर आज हंसे. आज यहां पत्रकारों ने जब नीतीश द्वारा कमल में रंग भरने को लेकर सवाल किया तो, जदयू अध्यक्ष ने कहा कि इस बारे आप मुझसे क्यों पूछ रहे हैं? आपको इस बारे में पटना पुस्तक मेला के संयोजक से पूछना चाहिए. उन्होंने उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान मधुबनी चित्रकार बौआ देवी की उक्त चित्रकारी में मुझसे रंग भरने का अनुरोध किया था.

पुस्तक मेले में भरा था रंग

उल्लेखनीय है कि पटना के गांधी मैदान में चार फरवरी से शुरू हुए 23वें पुस्तक मेला के उद्घाटन के अवसर पर मुख्यमंत्री ने पद्मश्री से सम्मानित बौआ देवी द्वारा चित्रित कमल के फूल के ऊपरी हिस्से में केसरिया रंग भरा तथा फूल के नीचे अपने हस्ताक्षर भी किये थे. गौरतलब है कि नीतीश कुमार की पार्टी इस कमल प्रकरण के बाद भाजपा के साथ गठबंधन को लेकर लगायी जा रही अटकलों को पहले ही बेइमानी बता चुकी है. भाजपा के 17 साल सहयोगी रहे नीतीश कुमार ने जून 2013 में नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने को लेकर इसबीजेपीसे नाता तोड़ लिया था. लेकिन हाल के दिनों में नीतीश ने केंद्र सरकार के नोट बंदी का समर्थन किया था और मोदी ने नीतीश के बिहार में शराबबंदी की प्रशंसा की थी.

यूपी चुनाव पर भी बोले नीतीश

लोकसंवाद के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान कांग्रेस के दबाव में आकर उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव से बाहर रहने संबंधी फैसले पर सवालों का सीधा जवाब देने से बचते हुए नीतीश ने कहा कि हम यहां बैठे हैं और बिहार से जुड़े मुद्दों पर चर्चा कर रहे हैं. उत्तरप्रदेश में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच हुए गठबंधन किसी प्रकार की सीधी टिप्पणी करने से बचते हुए नीतीश ने कहा कि इसे बिहार के तर्ज पर महागठबंधन नहीं कहा जा सकता. उत्तरप्रदेश में महागंठबंधन तभी बन पाता जब समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी हाथ मिलाती. यह पूछे जाने पर कि राजद के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह द्वारा उनके खिलाफ लगातार टिप्पणी की जा रही, नीतीश ने कहा कि इन पर जवाब जदयू कार्यालय देगा.

Next Article

Exit mobile version