पटना : क्लर्क संवर्ग के लिए गत पांच फरवरी को आयोजित बिहार राज्य कर्मचारी चयन आयोग परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक मामले के तार दूर तक जुड़े होने की संभावना व्यक्त की जा रही है, जिसके तह में जाते हुए विशेष जांच टीम ने आज चार अन्य लोगों को गिरफ्तार किया है. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मनु महाराज ने आज यहां सवांददाताओं को संबोधित करते हुए बताया कि गिरफ्तार ये चारों व्यक्ति जो कि निजी स्कूल अथवा कोचिंग संस्थान चलाते थे. परीक्षार्थियों से 5 से 6 लाख रुपये तक वसूलते थे. इस मामले में बीएसएससी के सचिव परमेश्वर राम और उनके कार्यालय में डाटा आपरेटर के पद पर कार्यरत अविनाश कुमार नामक एक व्यक्ति को पुलिस कल शाम ही गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में पटना स्थित बेउर जेल भेज चुकी है.
बाहर से भी जुड़े हो सकते हैं तार
मनु महराज ने बताया कि सचिव और अन्य के मोबाइल फोन से प्राप्त जानकारी के आधार पर इस रैकेट के चार अन्य लोगों को गिरफ्तार किया गया है. उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कल इस परीक्षा के रद्द किए जाने की घोषणा कर दी थी. चार चरणों में आयोजित होने वाली इस परीक्षा के दूसरे चरण की परीक्षा जो कि गत पांच फरवरी को आयोजित की गयी थी, जिसका प्रश्न पत्र लीक हुआ था. इस परीक्षा का प्रथम चरण गत 29 जनवरी को आयोजित किया गया था तथा तीसरे और चौथे चरण की परीक्षा क्रमश: आगामी 19 फरवरी और 26 फरवरी को आयोजित की जानी थी.
मास्टरमाइंड निकला मैट्रिक फेल
मनु महाराज ने बताया कि गिरफ्तार चार लोगों में एक रामेश्वर कुमार दो बार मैट्रिक और दो बार इंटरमीडिएट की परीक्षा में विफल हो चुका हैं और वह एक कोचिंग संस्थान चलाता हैं. यह पूछे जाने पर कि क्या इस रैकेट के तार बिहार के बाहर भी जुड़े हैं, उन्होंने कहा कि इसकी संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता. विदित हो कि बिहार विद्यालय समिति द्वारा बीते वर्ष आयोजित प्लस 2 परीक्षा में हुए टापर्स घोटाला मामले में समिति के अध्यक्ष लालकेश्वर सिंह, उनकी पत्नी एवं पूर्व जदयू विधायक उषा सिन्हा और वैशाली जिला के एक महाविद्यालय के प्राचार्य बच्चा राय सहित कई अन्य लोगों को गिरफ्तार पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया था.