नीतीश सरकार पर बड़ा आरोप, मैट्रिक और इंटर के छात्र-छात्राओं को प्रोत्साहन राशि नहीं दी गयी
पटना : भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने आज आरोप लगाया कि इस वर्ष आयोजित की जाने वाली मैट्रिक और इंटर की परीक्षाओं की तिथियों की घोषणा हो जाने के बावजूद बिहार सरकार ने पिछले साल इन परीक्षाओं में प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण हुए छात्र-छात्राओं को देय 10 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि […]
पटना : भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने आज आरोप लगाया कि इस वर्ष आयोजित की जाने वाली मैट्रिक और इंटर की परीक्षाओं की तिथियों की घोषणा हो जाने के बावजूद बिहार सरकार ने पिछले साल इन परीक्षाओं में प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण हुए छात्र-छात्राओं को देय 10 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि अबतक नहीं दी गयी है. सुशील ने आज एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर आरोप लगाया कि इस वर्ष आयोजित की जाने वाली मैट्रिक और इंटर की परीक्षाओं की तिथियों की घोषणा हो जाने के बावजूद बिहार सरकार ने पिछले साल इन परीक्षाओं में प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण हुए छात्र-छात्राओं को देय 10 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि अब तक नहीं दी है.
नहीं मिला है पैसा-मोदी
उन्होंने प्रदेश सरकार पर सभी स्तर की छात्रवृत्तियों को पहले ही बंद कर देने का आरोप लगाते हुए पूछा कि क्या अब मेघावृति प्रोत्साहन योजना को भी बंद करने का मन बना लिया है. सुशील ने कहा कि मालूम हो कि प्रथम श्रेणी से मैट्रिक पास होने वाले सभी वर्गों के छात्र-छाताओं को मेघावृति के तौर पर 10 हजार और एससी-एसटी के द्वितीय श्रेणी से पास छात्र-छात्राओं को 8 हजार रुपये दिये जाते हैं. उन्होंने कहा कि मैट्रिक परीक्षा का परिणाम आये 8 महीना हो गया. मगर आज तक सरकार छात्र-छात्राओं को मेघावृति की राशि उपलब्ध नहीं करा पाई है.
पैसे से वंचित हैं छात्र
सुशील ने कहा कि राज्य की पिछली राजग सरकार के दौरान स्कूलों के जरिये प्रदान की जाने वाली मेघावृति प्रोत्साहन राशि को बैंक खातों में देने के निर्णय के बाद छात्र-छात्राओं के खाते तो खुलवा लिए गये. मगर आज तक उन्हें राशि नसीब नहीं हो पाई है. उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार के पास राशि नहीं है, इसलिए चुनावी साल में स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति की अनिवार्यता को खत्म करने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब गैर चुनावी वर्षों में शिक्षकों को वेतन तो दे नहीं पा रहे हैं. मगर छात्रों की उपस्थिति को 75 से बढ़ाकर 85 प्रतिशत करना चाह रहे हैं ताकि पोशाक व साइकिल योजना के लाभ से छात्र-छात्राओं को वंचित कर सरकार राशि देने से बच जाये.