बिहार में सरकारी गाड़ी पर परिवारवालों की सैर
पटना :राज्य के प्रखंडों में तैनात बीडीओ (प्रखंड विकास पदाधिकारी) की सरकारी गाड़ी का उनके परिवार वाले भी जमकर उपयोग करते हैं. सुपौल, पश्चिम चंपारण या अन्य दूसरे जिलों के प्रखंडों के बीडीओ की गाड़ी पटना के किसी शॉपिंग मॉल, बाजार या ऐसे अन्य स्थानों पर शाम, देर रात या किसी समय खड़ी दिख सकती […]
पटना :राज्य के प्रखंडों में तैनात बीडीओ (प्रखंड विकास पदाधिकारी) की सरकारी गाड़ी का उनके परिवार वाले भी जमकर उपयोग करते हैं. सुपौल, पश्चिम चंपारण या अन्य दूसरे जिलों के प्रखंडों के बीडीओ की गाड़ी पटना के किसी शॉपिंग मॉल, बाजार या ऐसे अन्य स्थानों पर शाम, देर रात या किसी समय खड़ी दिख सकती है.दरअसल इन गाड़ियों का उपयोग बीडीओ साहब से ज्यादा उनके परिवार वाले या करीबी करते हैं.इस बात की आये दिन शिकायत ग्रामीण विकास विभाग या अन्य सरकारी तंत्रों को मिलती रहती है. कई बार जांच के दौरान भी कई सुदूरवर्ती प्रखंडों के बीडीओ की गाड़ी पटना में निजी काम में उपयोग करते हुए पायी गयी है. कई बीडीओ की गाड़ी में इनके पदस्थापित प्रखंड का नाम अंकित नहीं होने की वजह से यह पता ही नहीं चल पाता है कि संबंधित बीडीओ कहां के हैं. कई बीडीओ की गाड़ी पर पहले से अंकित पदनाम व स्थान मिट गये हैं या मिटा दिये गये हैं. इससे यह पता ही नहीं चल पाता कि इनकी गाड़ी सरकारी है या प्राइवेट. इस बात का ही बीडीओ साहब के परिजन आसानी से फायदा उठा लेते हैं.
गाड़ी पर स्थान के साथ पदनाम छपवाना अनिवार्य
ग्रामीण विकास विभाग ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जल्द ही यह आदेश जारी करने की तैयारी में हैं. सभी बीडीओ की सरकारी गाड़ी पर ‘प्रखंड विकास पदाधिकारी के साथ संबंधित प्रखंड, अंचल और जिला’ का नाम लिखवाना हर हाल में अनिवार्य होगा. सरकारी गाड़ी पर सभी बीडीओ को स्पष्ट रूप से अपना पूरा विवरण लिखवाना जरूरी होगा.