गुड न्यूज: 60 हजार में ओपन हार्ट सर्जरी

पटना: अब प्रदेश के लोगों को ओपन हार्ट सर्जरी के लिए दूसरे राज्यों में भटकने की जरूरत नहीं होगी. इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (आइजीआइएमएस) में मार्च से ओपन हार्ट सर्जरी की सुविधा शुरू हो जायेगी. ऐसे में मरीजों को इसके लिए दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और लखनऊ के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे. स्वास्थ्य मंत्री […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 12, 2017 8:56 AM
पटना: अब प्रदेश के लोगों को ओपन हार्ट सर्जरी के लिए दूसरे राज्यों में भटकने की जरूरत नहीं होगी. इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (आइजीआइएमएस) में मार्च से ओपन हार्ट सर्जरी की सुविधा शुरू हो जायेगी. ऐसे में मरीजों को इसके लिए दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और लखनऊ के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे. स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव ने शनिवार को कॉलेज के स्थापना दिवस के मौके पर इस सुविधा का उद्घाटन किया. सर्जरी के लिए अलग से कार्डियक सेंटर बनाया गया है.

सेंटर के अंदर मरीजों के लिए 18 बेड रहेंगे. शेष हृदय रोग के मरीजों के लिए 65 बेडों की सुविधा होगी. खास बात यह भी है कि यहां यह इलाज महज 60 हजार रुपये में हो जायेगा. प्राइवेट अस्पतालों में इसके लिए दो से ढाई लाख रुपये लिये जाते हैं. दिल्ली एम्स की तर्ज पर ही यहां ओपन हार्ट सर्जरी का चार्ज लिया जायेगा.

दो ही सर्जरी बाद आइजीआइसी में पांच साल पहले बंद हाे गयी थी सुविधा : आइजीआइएमएस प्रदेश का पहला सरकारी अस्पताल होगा, जहां ओपन हार्ट सर्जरी शुरू होगी. हालांकि, दो सर्जरी आइजीआइसी में पांच साल पहले हुआ था, लेकिन सुविधाओं की कमी के चलते वहां इसे बंद करना पड़ गया. ओपन हार्ट सर्जरी मार्च से शुरू होगी. अस्पताल की ओर से डॉक्टरों की टीम तैयार कर ली गयी है. कुल 13 डॉक्टर कार्डियक सेंटर के लिए लगाये गये हैं. हालांकि अभी एक ही सर्जन ऑपरेशन के लिए मिला है. हालांकि, सर्जरी के लिए पांच सर्जन डॉक्टरों की टीम तैयार की जायेगी. कार्डियक सेंटर में छोटी मशीनें आ गयी हैं, लेकिन बड़ी मशीनें इस महीने के अंत तक आ जायेंगी. फिलहाल रोजाना दो सर्जरी हो पायेगी. चार डॉक्टर और बहाल हो जाने के बाद रोजाना पांच सर्जरी होगी. यहां रेफर किये हुए और आइजीआइएमएस के इलाज कराने आये मरीजों की सर्जरी की जायेगी.
अब लिवर ट्रांसप्लांट पर जोर : स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ने आरके महाजन ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग का पूरा ध्यान अस्पताल में लिवर ट्रांसप्लांट की सुविधा मुहैया कराने पर है. इसके लिए बजट की कमी नहीं होगी. 2016-17 में जहां 165 करोड़ रुपये अस्पताल के विकास के लिए दिये गये थे, वहीं 2017-18 में इसमें वृद्धि होगी. उन्होंने बाकी की सुविधाएं शुरू करने के लिए अस्पताल प्रशासन ने प्रस्ताव मांगे.

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