आइएएस व आइपीएस की यूरिन की हो जांच
संवाद कार्यक्रम में राकेश कुमार का सुझाव था कि राज्य में पूर्ण शराबबंदी के बाद 22 हजार लोग गिरफ्तार हुए हैं. इसमें एक भी आइएएस या आइपीएस अधिकारी नहीं हैं. आखिर यह कैसे हो गया कि अचानक सभी अधिकारियों ने पीना छोड़ दिया. यह एक अच्छी पहल है. उन्होंनें सुझाव दिया कि जितने भी आइएएस […]
संवाद कार्यक्रम में राकेश कुमार का सुझाव था कि राज्य में पूर्ण शराबबंदी के बाद 22 हजार लोग गिरफ्तार हुए हैं. इसमें एक भी आइएएस या आइपीएस अधिकारी नहीं हैं. आखिर यह कैसे हो गया कि अचानक सभी अधिकारियों ने पीना छोड़ दिया. यह एक अच्छी पहल है.
उन्होंनें सुझाव दिया कि जितने भी आइएएस और आइपीएस अधिकारी हैं उनका रैंडम यूरिन टेस्ट कराया जाये. ये वहीं लोग है जिन्होंने शराबबंदी के बाद शपथ ली है. हो सकता है कि वह दूसरे राज्यों में जाकर शराब पीते हों.
एनएबीएल मान्यताप्राप्त जांच लैब में यूरिन जांच से 90 दिनों के अंदर शराब पीनेवालों का पता चल जायेगा. साथ ही उनका सुझाव था कि जितने लोगों को शराबबंदी के बाद जेल में रखा गया है उससे मानव कार्य दिवस की हानि हो रही है.
ऐसे लोगों की सजा को बदलकर कम्युनिटी सर्विस में लगाया जाये. इससे समाज का कुछ भला भी होगा. उन्होंने पुलिस स्टेशन को इंटरनेट से जोड़ने और पुलिस लॉकर के सामने सीसीटीवी कैमरा लगाने का सुझाव दिया. पुलिस पेट्रोलिंग पार्टी के वाहन को जीपीएस सिस्टम से लैश किया जाये जिससे कि शिकायत करने के बाद यह जानकारी मिल सके कि पुलिस ने उसके बाद क्या एक्शन लिया. पुलिस डायरी को इंटरनेट से जोड़ने के बाद सेंट्रल सर्वर पर उसे अपलोड कर दिया जाये.
पुलिस अधीक्षक को भी मिले कचहरियों की रिपोर्ट
राज्यपाल के नाम से आवासीय कॉलोनी में बनी सड़कों की रजिस्ट्री हो
भागलपुर के दीपक कुमार झा का सुझाव था कि शहर के आसपास निर्मित होनेवाली आवासीय कॉलोनियों के अंदर जमीन की बिक्री करने वाले पहले नक्शा पास कराकर जमीन और फ्लैट को बेचते हैं. बाद में जो रास्ते निर्धारित किये गये हैं उसे भी बेच देते हैं. इससे रास्ता या तो समाप्त हो जाता है या सकरा हो जाता है. इससे सभी को परेशानी होती है. इसलिए सभी तरह की आवासीय या अधिग्रहित जमीन के अंदर के रास्ते को राज्यपाल के नाम से रजिस्ट्री कर दी जानी चाहिए.
निर्देश : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनके सुझाव का स्वागत करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिया कि वह इस दिशा में पहल करें. इससे बहुत सभी विवादों का आधार ही समाप्त किया जा सकता है. इससे लोगों को भी परेशानी नहीं होगी.
कचहरी द्वारा कैश जमा करने पर निर्धारित रसीद मिले
सरपंच शंभू शरण ने मुख्यमंत्री को सुझाव दिया कि कचहरियों को तीन लाख तक के मामलों की सुनवाई का अधिकार दिया जाये. कचहरियों में कैश जमा करने पर उसकी निर्धारित रसीद देने का प्रावधान किया जाये. यह व्यवस्था हो जाने के बाद लोगों की काफी समस्या खत्म हो जायेगी.
निर्देश : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पंचायती राज विभाग के सचिव को निर्देश दिया कि ग्राम कचहरी में कैश जमा कराने के बाद निर्धारित रसीद दी जाये. उसका फॉर्मेट हो.
राजस्व की रसीद की तरह. राज्य के ग्राम कचहरियों एक तरह का रसीद की प्रिंटिंग हो. वहीं रसीद कैश जमा करने के बाद लोगों को दी जाये.
साथ ही मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि जिले के एसपी को मिलने वालीरिपोर्ट में कचहरियों की रिपोर्ट को भी शामिल करने की दिशा में पहल की जाये.
मेरे मूवमेंट में दो-तीन मिनट ट्रैफिक रोका जाता
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बताया कि उनके शहर मेंया कहीं भी मूवमेंट में दो-तीन मिनट ही ट्रैफिक को रोका जाता है. इसको लेकर अधिकारियों को सख्त हिदायत दी गयी है.
उनका कोड अन्य मुख्यमंत्रियों से अलग है. ऐसा लोगों को कोई परेशानी नहीं हो इसलिए किया गया है. पटना टाउन में उनके कारकेड में सायरन नहीं बजता है. यह उनका निजी डायरेक्शन है. अगर पब्लिक फिडबैक मिले कि कहां पर कितना देर ट्रैफिक रोका जाता है तो वह इसका स्वागत करेंगे.